Lucknow: इंजीनियरों से सांठगांठ कर चल रहा था खेल, घर में बना रखी थी लैब, 4000 का बिल हो जाता था 1800 रुपये

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आशियाना में एक घर में बनाई गई लैब।

आशियाना में एक घर में बनाई गई लैब।
– फोटो : amar ujala

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स्मार्ट मीटर की चाल को धीमी करने और रीडिंग को डिलीट करने वाले गिरोह के सरगना पवन कुमार पाल ने आशियाना कॉलोनी में अपने घर में मीटर लैब (प्रयोगशाला) बना रखी थी। मकान की दूसरी मंजिल पर करीब 100 वर्गफीट के कमरे में उसकी टीम बैठकर मीटर की चिप और सर्किट में डिमांड के अनुसार बदलाव करती थी। सरगना ने लेसा के कुछ इंजीनियरों, ठेकेदारों और संविदाकर्मियों से सांठगांठ कर रखी थी, जिनसे नए मीटर इस गिरोह तक पहुंचते थे। गिरोह मीटर की टर्मिनल प्लेट को खोलकर उससे करंट बाईपास कर देता। ऐसा करने से मीटर में बाईपास किया गया वायर नजर नहीं आता था।

एसटीएफ और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की टीम के अधिशासी अभियंता सुबोध कुमार झा, एके प्रभाकर की उपस्थिति में आशियाना पुलिस के सामने गिरोह ने कई राज उगले हैं। करंट बाईपास करने, रिमोट लगाने, चिप बदलने के लिए मीटर इस गिरोह तक जिस तरीके से पहुंचते थे उससे साफ है कि लेसा के इंजीनियरों, ठेकेदारों और संविदाकर्मियों की इसमें मिलीभगत थी। यह भी साफ है कि नए ग्राहक भी इस गिरोह को इन्ही सबने दिए। हालांकि, कितने नए मीटर बाईपास किए गए, इसका खुलासा नहीं किया गया। लेसा के अफसरों का कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी।

ये भी पढ़ें – खतौली में मिली सफलता से निकाय चुनाव में बढ़ी रालोद की दावेदारी, महापौर के लिए करेगी दावा

ये भी पढ़ें – बड़े निकाय वाले शहरों को 13 के बाद मथेंगे मुख्यमंत्री योगी, रोड शो और बड़ी सभाएं करेंगे

लेसा भले ही जांच करे…पूर्व एसएसओ की अगुवाई में चल रहा खेल
अमर उजाला की पड़ताल में सामने आया कि अमीनाबाद उपकेंद्र के पूर्व सब स्टेशन ऑपरेटर (एसएसओ) की अगुवाई में स्मार्ट बिजली मीटर को धीमा करने एवं रीडिंग में हेराफेरी का खेल चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसमें उपकेंद्र का एक संविदा कर्मचारी भी शामिल है। यही संविदाकर्मी केस खोज कर लाता है। इस खेल में अमीनाबाद क्षेत्र में रीडिंग लेने वाले कुछ लोग भी शामिल हैं। ये लोग नए ग्राहक तो तलाशते ही हैं, पैसे लेकर स्मार्ट मीटर में रीडिंग भी छोड़ देते हैं।

गिरोह की प्रयोगशाला में यह सबकुछ होता था…
टर्मिनल प्लेट में छेड़छाड़ कर करंट बाईपास करना
बिजली चोरी का यह तरीका तो पुराना है, लेकिन गिरोह इसे नए तरीके से करता था। अब तक बाहर से करंट बाईपास के मामले ही ज्यादातर देखने को मिलते थे। गिरोह स्मार्ट मीटर की टर्मिनल प्लेट को इतनी सफाई से खोलता था कि बाहर से छेड़छाड़ नहीं दिखती थी। गिरोह करंट बाईपास करने की व्यवस्था कर फिर हूबहू वैसे पैक कर देता।

मीटर की रीडिंग गायब करना
गिरोह से 538 मीटर बरामद हुए हैं। इनमें वे मीटर भी शामिल हैं, जिन्हें रीडिंग गायब करने के लिए घरों और दुकानों से प्रयोगशाला लाया गया था। गिरोह ने कुबूला कि वे रीडिंग गायब करने के लिए सबसे पहले सिरिंज से मीटर की बॉडी में कुछ खास केमिकल डालते। इससे आसानी से उसकी बॉडी खुल जाती और छेड़छाड़ का पता नहीं चलता। इसके बाद एक खास मशीन से मीटर की फ्रिक्वेंसी इतना बढ़ा देते कि वह काम करना बंद कर देता। इससे उसकी मेमोरी में स्टोर रीडिंग हमेशा के लिए गायब हो जाती। इसके बाद उपभोक्ता लेसा में शिकायत करता कि उसका मीटर खराब हो गया है। इस पर मीटर बदल दिया जाता।

मीटर की रीडिंग कम करना
इसमें मीटर की रीडिंग गायब करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कम रीडिंग वाली चिप लगा दी जाती। मामला पकड़ में न आए इसलिए जिस कंपनी का मीटर होता उसी की ये चिप लगाते थे। ऐसी व्यवस्था करते कि चिप का बदला जाना पकड़ में न आए।

रिमोट से मीटर धीमे करना
यह तरीका भी नया नहीं है। पहले भी कई मामले रिमोट से मीटर को धीमे करने के आ चुके हैं। गिरोह संभावित ग्राहक तक पहुंचता। उसका मीटर प्रयोगशाला लाता और उसमें रिमोट से ऑपरेट होने वाली चिप लगा देता। इससे उपभोक्ता जब चाहता रिमोट से मीटर को बंद एवं चालू कर लेता।

4000 का बिल 1800 हो जाता
पूछताछ में सामने आया कि उपभोक्ताओं से मोटी रकम लेकर गिरोह स्मार्ट मीटर को 50 से 60 फीसदी तक स्लो करके लगाए गए। इससे उपभोक्ता प्रति माह बिजली तो 3000 से 4000 रुपये की जलाता, लेकिन बिल 1300 से 1800 रुपये ही आता। मीटर रीडर भी इस खेल में हिस्सेदार होते।

ठाकुरगंज क्षेत्र में सर्वाधिक स्लो मीटर
शहर में ठाकुरगंज डिवीजन से स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का अभियान शुरू हुआ था। इस डिवीजन में कुल 44 हजार उपभोक्ता हैं, जिसमें से 28 हजार के घर एवं दुकानों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाया जा चुका है। इनमें ज्यादातर मीटरों को स्लो करने के बाद लगाया गया है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेंगे
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार ने बताया कि बिजली मीटरों को धीमा करने एवं रीडिंग में हेराफेरी करने का गिरोह पकड़ा गया है। इससे पूछताछ में जिन कर्मचारियों के नाम मिलीभगत में सामने आएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सिलसिले में सोमवार को मीटर एक्सपर्ट की बैठक बुलाई गई है।

विस्तार

स्मार्ट मीटर की चाल को धीमी करने और रीडिंग को डिलीट करने वाले गिरोह के सरगना पवन कुमार पाल ने आशियाना कॉलोनी में अपने घर में मीटर लैब (प्रयोगशाला) बना रखी थी। मकान की दूसरी मंजिल पर करीब 100 वर्गफीट के कमरे में उसकी टीम बैठकर मीटर की चिप और सर्किट में डिमांड के अनुसार बदलाव करती थी। सरगना ने लेसा के कुछ इंजीनियरों, ठेकेदारों और संविदाकर्मियों से सांठगांठ कर रखी थी, जिनसे नए मीटर इस गिरोह तक पहुंचते थे। गिरोह मीटर की टर्मिनल प्लेट को खोलकर उससे करंट बाईपास कर देता। ऐसा करने से मीटर में बाईपास किया गया वायर नजर नहीं आता था।

एसटीएफ और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की टीम के अधिशासी अभियंता सुबोध कुमार झा, एके प्रभाकर की उपस्थिति में आशियाना पुलिस के सामने गिरोह ने कई राज उगले हैं। करंट बाईपास करने, रिमोट लगाने, चिप बदलने के लिए मीटर इस गिरोह तक जिस तरीके से पहुंचते थे उससे साफ है कि लेसा के इंजीनियरों, ठेकेदारों और संविदाकर्मियों की इसमें मिलीभगत थी। यह भी साफ है कि नए ग्राहक भी इस गिरोह को इन्ही सबने दिए। हालांकि, कितने नए मीटर बाईपास किए गए, इसका खुलासा नहीं किया गया। लेसा के अफसरों का कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी।

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लेसा भले ही जांच करे…पूर्व एसएसओ की अगुवाई में चल रहा खेल

अमर उजाला की पड़ताल में सामने आया कि अमीनाबाद उपकेंद्र के पूर्व सब स्टेशन ऑपरेटर (एसएसओ) की अगुवाई में स्मार्ट बिजली मीटर को धीमा करने एवं रीडिंग में हेराफेरी का खेल चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसमें उपकेंद्र का एक संविदा कर्मचारी भी शामिल है। यही संविदाकर्मी केस खोज कर लाता है। इस खेल में अमीनाबाद क्षेत्र में रीडिंग लेने वाले कुछ लोग भी शामिल हैं। ये लोग नए ग्राहक तो तलाशते ही हैं, पैसे लेकर स्मार्ट मीटर में रीडिंग भी छोड़ देते हैं।

गिरोह की प्रयोगशाला में यह सबकुछ होता था…

टर्मिनल प्लेट में छेड़छाड़ कर करंट बाईपास करना

बिजली चोरी का यह तरीका तो पुराना है, लेकिन गिरोह इसे नए तरीके से करता था। अब तक बाहर से करंट बाईपास के मामले ही ज्यादातर देखने को मिलते थे। गिरोह स्मार्ट मीटर की टर्मिनल प्लेट को इतनी सफाई से खोलता था कि बाहर से छेड़छाड़ नहीं दिखती थी। गिरोह करंट बाईपास करने की व्यवस्था कर फिर हूबहू वैसे पैक कर देता।

मीटर की रीडिंग गायब करना

गिरोह से 538 मीटर बरामद हुए हैं। इनमें वे मीटर भी शामिल हैं, जिन्हें रीडिंग गायब करने के लिए घरों और दुकानों से प्रयोगशाला लाया गया था। गिरोह ने कुबूला कि वे रीडिंग गायब करने के लिए सबसे पहले सिरिंज से मीटर की बॉडी में कुछ खास केमिकल डालते। इससे आसानी से उसकी बॉडी खुल जाती और छेड़छाड़ का पता नहीं चलता। इसके बाद एक खास मशीन से मीटर की फ्रिक्वेंसी इतना बढ़ा देते कि वह काम करना बंद कर देता। इससे उसकी मेमोरी में स्टोर रीडिंग हमेशा के लिए गायब हो जाती। इसके बाद उपभोक्ता लेसा में शिकायत करता कि उसका मीटर खराब हो गया है। इस पर मीटर बदल दिया जाता।

मीटर की रीडिंग कम करना

इसमें मीटर की रीडिंग गायब करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कम रीडिंग वाली चिप लगा दी जाती। मामला पकड़ में न आए इसलिए जिस कंपनी का मीटर होता उसी की ये चिप लगाते थे। ऐसी व्यवस्था करते कि चिप का बदला जाना पकड़ में न आए।

रिमोट से मीटर धीमे करना

यह तरीका भी नया नहीं है। पहले भी कई मामले रिमोट से मीटर को धीमे करने के आ चुके हैं। गिरोह संभावित ग्राहक तक पहुंचता। उसका मीटर प्रयोगशाला लाता और उसमें रिमोट से ऑपरेट होने वाली चिप लगा देता। इससे उपभोक्ता जब चाहता रिमोट से मीटर को बंद एवं चालू कर लेता।

4000 का बिल 1800 हो जाता

पूछताछ में सामने आया कि उपभोक्ताओं से मोटी रकम लेकर गिरोह स्मार्ट मीटर को 50 से 60 फीसदी तक स्लो करके लगाए गए। इससे उपभोक्ता प्रति माह बिजली तो 3000 से 4000 रुपये की जलाता, लेकिन बिल 1300 से 1800 रुपये ही आता। मीटर रीडर भी इस खेल में हिस्सेदार होते।

ठाकुरगंज क्षेत्र में सर्वाधिक स्लो मीटर

शहर में ठाकुरगंज डिवीजन से स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का अभियान शुरू हुआ था। इस डिवीजन में कुल 44 हजार उपभोक्ता हैं, जिसमें से 28 हजार के घर एवं दुकानों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाया जा चुका है। इनमें ज्यादातर मीटरों को स्लो करने के बाद लगाया गया है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेंगे

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार ने बताया कि बिजली मीटरों को धीमा करने एवं रीडिंग में हेराफेरी करने का गिरोह पकड़ा गया है। इससे पूछताछ में जिन कर्मचारियों के नाम मिलीभगत में सामने आएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सिलसिले में सोमवार को मीटर एक्सपर्ट की बैठक बुलाई गई है।



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