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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : amar ujala
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खरीदारों का पैसा न लौटाने वाले 26 बिल्डरों के खिलाफ जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा। वहीं अब एलडीए और आवास विकास के खिलाफ भी सख्ती बरती जा रही है। रेरा के आदेश पर दोनों विभागों से 27 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है। डीएम सूर्यपाल गंगवार ने दोनों विभागों को सोमवार तक का समय दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन बैंक खाता सीज करने के अलावा इनकी संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई शुरू कराएगा।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि एलडीए पर अकेले 20 करोड़ रुपये की देनदारी है। इसके अलावा आवास विकास परिषद को भी सात करोड़ रुपये जमा करने हैं। रेरा ने दोनों विभागों से वसूली के लिए आरसी जारी की हुई हैं। पैसा जमा करने के लिए मौका दिया गया था। अब भू-राजस्व के रूप में संपत्तियां और बैंक खाते सीज कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
बाकी बिल्डर्स की तरह एलडीए और आवास विकास परिषद को भी सोमवार तक का समय दिया गया था। वहीं डीएम का कहना है कि खरीदारों का पैसा वापस करना ही होगा। इसके लिए एडीएम वित्त हिमांशु गुप्ता को पूरी सख्ती करते हुए संबंधित बिल्डर्स और विभागों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कार्रवाई का खौफ : छुट्टी के दिन भी जमा हुआ पैसा
करीब 132 करोड़ रुपये की वसूली के लिए जिला प्रशासन की सख्ती का असर रविवार को छुट्टी के दिन भी दिखा। विराज कंस्ट्रक्शंस ने करीब 57 लाख रुपये जिला प्रशासन को जमा किए हैं। वहीं सूचना दी है कि खरीदारों के साथ उसके 92 लाख रुपये का समझौता हो गया है। इसके बाद जो भी बकाया है, उसका भी निस्तारण कर दिया जाएगा। इसके अलावा सुचिता इंफ्रा डेवलपर ने भी अपना 30 लाख रुपये का बकाया जमा कर दिया है। डीएम का कहना है कि सोमवार के बाद कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
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