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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Istock 
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जेल में बंद शाइन सिटी ग्रुप के निदेशक आसिफ नसीम पर फर्जीवाड़े में एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। जेलर ने जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए बनाए प्रस्ताव पर उनके फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाते हुए 25 अक्तूबर को तहरीर दी थी। जांच में मामला सही निकलने पर बुधवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक, जमीन घोटाले के आरोप में आसिफ नसीम जेल में बंद है। जांच के मामले में 20 अक्तूबर को जेलर राजेंद्र सिंह को बयान देने के लिए आर्थिक अपराध शाखा में बुलाया गया था। इस दौरान जेलर को बताया गया कि आसिफ नसीम ने जेल में प्रस्ताव तैयार कर अपने करीबी श्याम लाल को जमीन का विक्रय करने के लिए अधिकृत किया है। प्रस्ताव पर लगे फोटो व हस्ताक्षर को जेलर ने प्रमाणित किया है।
आगे बताया गया कि तैयार प्रस्ताव के आधार पर श्याम लाल मोहनलालगंज स्थित उपनिबंधक कार्यालय में जमीन का क्रय-विक्रय कर रहा है। जेल प्रशासन ने पड़ताल कराई तो सामने आया कि जेलर के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके बाद 25 अक्तूबर को जेलर ने शिकायत की। अतिरिक्त निरीक्षक गोसाईंगंज देवकरन सिंह के मुताबिक, बंदी के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
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बंदी को लाभ पहुंचाने की शिकायत पर बदल दिया था जांच अधिकारी
शाइन सिटी प्रकरण में रेंज डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय पर आसिफ नसीम को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था। डीआईजी पर आरोप था कि बंदी के सामने ही तीन बंदियों के बयान लिए गए, जबकि जेल अधिकारियों के बयान नहीं लिए गए। इस पर शासन ने दूसरे अधिकारी से जांच के आदेश दिए थे। प्रमुख सचिव कारागार के आदेश पर वाराणसी परिक्षेत्र के जेल डीआईजी एके सिंह को मामले की जांच सौंपी गई थी।
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