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काशी विश्वनाथ को लगी लगन की हल्दी
– फोटो : अमर उजाला
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महाशिवरात्रि पर भगवान शिव-पार्वती के विवाह का उत्सव गुरुवार से वाराणसी में आरंभ हो गया। औघड़दानी नीलकंठ हल्दी के रंग में रंग गए। टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत के आवास पर बाबा के रजत विग्रह का प्रतीक आगमन हुआ। संध्या की पावन बेला में भगवान शिव को हल्दी लगाई गई। बाबा को भक्तों ने ठंडई, पान और मेवे का भोग लगाया।
गुरुवार को हल्दी की रस्म के लिए गवनहरियों की टोली शाम को टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत के आवास पर पहुंची। संजीव रत्न मिश्र ने बाबा विश्वनाथ का राजसी स्वरूप में शृंगार करके आरती व भोग लगाया। एक तरफ मंगल गीतों का गान हो रहा था तो दूसरी तरफ बाबा का हल्दी लगाई जा रही थी।
पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के निर्देशन में तेल-हल्दी की रस्म निभाई गई। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव पार्वती के मंगल दांपत्य की कामना से मांगलिक गीत गूंज रहे थे। शिवांजलि की शुरुआत वृंदावन से पधारे आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) ने नृत्य से की।
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