मैनपुरी के चुनावी रण को जीतने के लिए सपा और भाजपा मुस्तैदी के साथ जुटी हैं। दोनों के नेता एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में हैं। भाजपा जहां बूथवार बैठकें करके वोटबैंक की किलेबंदी करने में जुटी है। वहीं अब अखिलेश यादव ने भी भाजपा-बसपा के वोटबैंक में सेंध लगाने का दांव चल दिया है। उनका दूसरे दलों में सेंध लगाने का दांव सफल भी हो रहा है।
अखिलेश यादव बुधवार को बसपा के टिकट पर विधानसभा क्षेत्र भोगांव से चुनाव लड़ने वाले अशोक चौहान फौजी के घर पहुंच गए। फौजी ने भी ‘हाथी’ की सवारी छोड़कर अखिलेश के हाथ समाजवादी टोपी पहन ली। फौजी ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और 14150 वोट हासिल किए थे। उपचुनाव से पहले वह सपा में शामिल हो गए हैं। सपा को उनसे कितना फायदा होगा यह चुनाव के बाद पता चलेगा।
निर्णायक साबित होगा बसपा का वोट
लोकसभा उपचुनाव में मैनपुरी सीट पर बसपा का वोटर निर्णायक साबित होगा। दरअसल सपा और भाजपा दोनों ही दलों के पास अपना जनाधार और कोर वोट बैंक है। वहीं बसपा का कोर वोट बैंक माने जाने वाली जाटव जाति भी लोकसभा क्षेत्र में सवा लाख के करीब है। ऐसे में इसी वोट बैंक को साधने के लिए अखिलेश की नजर में बसपा नेता हैं। जनसंपर्क के दौरान वह इन नेताओं के घर भी जा रहे हैं।
बसपा ने पांच नेताओं को किया निष्कासित
उपचुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने पर बसपा के चार पदाधिकारियों समेत पांच नेताओं को निष्कासित कर दिया गया है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर निष्कासन की कार्रवाई की गई है। बसपा ने आगरा जोन इंचार्ज दीपक पेंटर और मनीष सागर, पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोनी, विधानसभा क्षेत्र भोगांव के पूर्व प्रत्याशी सुरेंद्र यादव, जिला महासचिव संजय सिंह को पार्टी से निष्कासित किया है।
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मैनपुरी के चुनावी रण को जीतने के लिए सपा और भाजपा मुस्तैदी के साथ जुटी हैं। दोनों के नेता एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में हैं। भाजपा जहां बूथवार बैठकें करके वोटबैंक की किलेबंदी करने में जुटी है। वहीं अब अखिलेश यादव ने भी भाजपा-बसपा के वोटबैंक में सेंध लगाने का दांव चल दिया है। उनका दूसरे दलों में सेंध लगाने का दांव सफल भी हो रहा है।
अखिलेश यादव बुधवार को बसपा के टिकट पर विधानसभा क्षेत्र भोगांव से चुनाव लड़ने वाले अशोक चौहान फौजी के घर पहुंच गए। फौजी ने भी ‘हाथी’ की सवारी छोड़कर अखिलेश के हाथ समाजवादी टोपी पहन ली। फौजी ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और 14150 वोट हासिल किए थे। उपचुनाव से पहले वह सपा में शामिल हो गए हैं। सपा को उनसे कितना फायदा होगा यह चुनाव के बाद पता चलेगा।
निर्णायक साबित होगा बसपा का वोट
लोकसभा उपचुनाव में मैनपुरी सीट पर बसपा का वोटर निर्णायक साबित होगा। दरअसल सपा और भाजपा दोनों ही दलों के पास अपना जनाधार और कोर वोट बैंक है। वहीं बसपा का कोर वोट बैंक माने जाने वाली जाटव जाति भी लोकसभा क्षेत्र में सवा लाख के करीब है। ऐसे में इसी वोट बैंक को साधने के लिए अखिलेश की नजर में बसपा नेता हैं। जनसंपर्क के दौरान वह इन नेताओं के घर भी जा रहे हैं।