मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव की सरगर्मी हररोज बढ़ती जा रही है। मंचों से सपा और भाजपा के नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। चुनावी शोर के बीच बगैर किसी शोरगुल के आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर्दे के पीछे रहकर चुनावी माहौल भांपने के लिए मतदाताओं का मन टटोल रही है। घर-घर जाकर करीब 16 सौ शाखा स्वयंसेवक चुनावी चर्चा कर रहे हैं।
उपचुनाव में मुकाबला सपा और भाजपा के बीच है। दोनों ही दल सीट को जीतने के लिए जी-जान लगाए हुए हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। नेता जितने शोरगुल के साथ प्रचार कर रहे हैं, उतनी ही खामोशी के साथ आरएसएस मतदाताओं के बीच जाकर उनके मन को टटोल रहा है।
आरएसएस की ओर से सुबह चाय पर चर्चा हो रही है तो वहीं दोपहर और रात के भोजन पर चर्चा करके माहौल को भांपा जा रहा है। शाखा स्वयंसेवकों के साथ ही प्रचारक और विस्तारक के साथ ही अन्य पदाधिकारी हररोज घर-घर जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं।
अनुषांगिक संगठन भी हैं सक्रिय
चुनाव में आरएसएस के साथ उसके अनुषांगिक संगठन भी सक्रिय हैं। विहिप, रोजगार भारतीय, क्रीड़ा भारतीय, सैनिक भारतीय, समरसता भारतीय आदि संगठनों के पदाधिकारी मतदाताओं के बीच जा रहे हैं। उन्हें मतदान के साथ ही बेहतर प्रत्याशी का चुनाव करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
सपा ने साधा जातिगत आंकड़ा
चुनाव प्रचार में समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है। पार्टी हाईकमान ने जातिगत आधार पर पार्टी नेताओं को मैदान में उतारा है। दो सौ से अधिक पार्टी के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को शाक्य वोट बैंक की किलेबंदी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह अन्य नेताओं को प्रचार में लगाया गया है। ये नेता अपनी जाति बाहुल्य क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं।
विस्तार
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव की सरगर्मी हररोज बढ़ती जा रही है। मंचों से सपा और भाजपा के नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। चुनावी शोर के बीच बगैर किसी शोरगुल के आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर्दे के पीछे रहकर चुनावी माहौल भांपने के लिए मतदाताओं का मन टटोल रही है। घर-घर जाकर करीब 16 सौ शाखा स्वयंसेवक चुनावी चर्चा कर रहे हैं।
उपचुनाव में मुकाबला सपा और भाजपा के बीच है। दोनों ही दल सीट को जीतने के लिए जी-जान लगाए हुए हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। नेता जितने शोरगुल के साथ प्रचार कर रहे हैं, उतनी ही खामोशी के साथ आरएसएस मतदाताओं के बीच जाकर उनके मन को टटोल रहा है।
आरएसएस की ओर से सुबह चाय पर चर्चा हो रही है तो वहीं दोपहर और रात के भोजन पर चर्चा करके माहौल को भांपा जा रहा है। शाखा स्वयंसेवकों के साथ ही प्रचारक और विस्तारक के साथ ही अन्य पदाधिकारी हररोज घर-घर जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं।