मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। क्योंकि 14 जनवरी की रात में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए इस पर्व को अगले दिन मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक साल 12 संक्रांति होती हैं। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो यह घटना संक्रांति या राशि परिवर्तन के नाम से जानी जाती है। ये बातें पं. पवन तिवारी ने बताईं।
पं. पीएन द्विवेदी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य और गंगा स्नान का महत्व है। सूर्योदय से पहले यानी उदया तिथि में स्नान कर अक्षत और फूल डालकर जल सूर्य देव को अर्पित करें। वर्ष 2023 की मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे परंतु मकर राशि में शुभ ग्रह बुध और शनि उपस्थित होंगे। ऐसा संयोग काफी शुभ माना जाता है।
राशि के अनुसार करें दान मेष – गरीबों को तिल का दान करें। वृषभ – ऊनी वस्त्रों का दान करें। मिथुन – अन्न का दान करें।
कर्क- ऊनी वस्त्र, तिल, साबुन दान करें। सिंह- तिल, कंबल का दान करें। कन्या – उड़द की दाल, तिल दान करें। तुला – तिल, तेल का दान करें। वृश्चिक – खिचड़ी का दान करें। धनु – चने की दाल, खिचड़ी दान करें। मकर – ऊनी वस्त्र, कंबल, पुस्तक दान करें। कुंभ – आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें। मीन – चने की दाल और अन्न दान करें।
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मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। क्योंकि 14 जनवरी की रात में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए इस पर्व को अगले दिन मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक साल 12 संक्रांति होती हैं। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो यह घटना संक्रांति या राशि परिवर्तन के नाम से जानी जाती है। ये बातें पं. पवन तिवारी ने बताईं।
पं. पीएन द्विवेदी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य और गंगा स्नान का महत्व है। सूर्योदय से पहले यानी उदया तिथि में स्नान कर अक्षत और फूल डालकर जल सूर्य देव को अर्पित करें। वर्ष 2023 की मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे परंतु मकर राशि में शुभ ग्रह बुध और शनि उपस्थित होंगे। ऐसा संयोग काफी शुभ माना जाता है।