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भीषण ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह और श्रद्धा में कोई कमी नजर नही आ रही है। इससे पूर्व साल के पहले पर्व मकर संक्रांति स्नान पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लाखों श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर डुबकी लगाई और पूजा पाठ करने के बाद खिचड़ी का दान किया।
कड़ाके की सर्दी के बाद भी तड़के से श्रद्धालुओं का गंगा घाटों पर पहुंचना शुरू हो गया था। मकर संक्रांति का मुहूर्त आज रविवार तक है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार शनिवार शाम छह बजे तक तीन लाख अस्सी हजार श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई।
शनिवार रात्रि 8.44 बजे सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश हो गया, लेकिन स्नान का पुण्य काल शनिवार दोपहर 2.20 बजे से ही शुरू हो गया था। महीने का दूसरा शनिवार और 15 जनवरी को रविवार वीकेंड होने से लोग स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे।
श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान शुरू कर दिया। हरकी पैड़ी और आसपास के सटे घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। जैसे-जैसे दिन चढ़ा तो श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ती चली गई। दोपहर के समय धूप निकलने पर सभी गंगा घाट श्रद्धालुओं की भीड़ से पैक रहे।
उत्तराखंड के अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु मकर संक्त्रसंति स्नान पर हरिद्वार पहुंचे। नेपाल से भी बड़ी तादाद मेंश्रद्धालु गंगा में स्नान करने आए। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दाल, चावल, तिल, गुड और उड़द की दाल की खिचड़ी का दान किया। तिल, गुड़ और उड़द की दाल की खिचड़ी दान का पुण्य माना जाता है। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने आसपास के मंदिरों में दर्शन किए।
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मकर संक्त्रसंति पर गढ़वाल से कई देव डोलियां गंगा स्नान के लिए हरिद्वार हरकी पैड़ी पहुंची। श्रद्धालु ढोल-दमाऊं की थाप के साथ देव डोलियां लेकर पहुंचे। मां गंगा की पूजा अर्चना करने के बाद देवी-देवताओं को भी गंगा स्नान कराया। उत्तराखंड में कुमाऊं क्षेत्र में मकर संक्त्रसंति को घुघुतिया के नाम भी मनाया जाता है। हरिद्वार में कुमाऊं मूल के हजारों परिवार रहते हैं। मकर संक्त्रसंति पर परिवारों ने घुघते बनाए और रविवार को ईष्ट देवता को चढ़ाए जाने के बाद सबसे पहले बतौर सगुन कौआ को खिलाए जाएंगे।
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