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फाइलेरिया
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दोहरीघाट क्षेत्र की एक महिला फाइलेरिया रोग से पीड़ित है। उसके घर एमडीए अभियान की टीम दवा खिलाने जब पहुंची तो उसने तमाम तरह के बहाने करते हुए दवा खाने से मना कर दिया। बाद में उसके के घर जिला मुख्यालय की टीम के जिला मलेरिया अधिकारी गए। दवा के असर को बताते हुए जागरूक किया। आखिर महिला ने बताए अनुसार दवा का सेवन किया और ठीक हो गई। अब महिला ‘जिम्मेदार’ बनकर अन्य लोगों को भी जागरूक कर रही। जिले के दोहरीघाट के पिडसुई गांव की सुनीता (58) फाइलेरिया रोग से ग्रसित है। उसके दाहिने पैर में फाइलेरिया ने संक्रमण कर रखा है, उसने पहले दवा खाने से इंकार कर दिया था। इस बात का पता चलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम में शामिल एमओ तरुण कुमार, एमआई राजेश यादव और बीसीपीएम सुरेंद्र नाथ की टीम सुनीता से मिलने उसके घर पहुंची।
सुनीता को जब फाइलेरिया के पूरे संक्रमण चक्र और दवा से उस चक्र को बाधित करने की जानकारी दी गई तो वह आश्चर्य चकित हो गई। उसने कहा कि मुझे तो लगा था कि तनाव के चलते मेरा दाहिना पैर फूलकर मोटा हो गया है। इसे मैं तनाव का कारण मान रही थी लेकिन अब आपकी बात मुझे सही लगने लगी है मेरे ससुर को भी यह बीमारी थी।
जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि समझाने पर सुनीता ने स्वयं तो दवा खाया ही, उसने पूरे पिडसुई गांव को हमारी टीम के साथ घूम-घूम कर जागरूक किया और सभी को दवा खाने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया।
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