Mayor Election : दिल्ली को मिलेगा सबसे कम समय का मेयर, अप्रैल में फिर से होगा चुनाव

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– फोटो : amar ujala

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मेयर का चुनाव यदि बुधवार को हुआ तो दिल्ली को सबसे कम समय का मेयर मिलेगा। नए मेयर को काम करने के लिए करीब डेढ़ महीने का समय मिलेगा और इस बीच वह अपनी अध्यक्षता में कम से कम सदन की एक बैठक आयोजित कर पाएंगी। मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शैली ओबरॉय और भाजपा ने रेखा गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। 

इससे पहले निगम के इतिहास में अनीता आर्य सबसे कम समय तक मेयर रही हैं। वे फरवरी 1997 से अक्तूबर 1999 तक निगम में पार्षद रहीं। उन्होंने अप्रैल से अक्तूबर 1999 तक थोड़े समय के लिए दिल्ली की मेयर के रूप में भी काम किया। इसके बाद उन्होंने करोल बाग सीट से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर संसद में पहुंच गईं। उस दौरान करोल बाग दिल्ली की एकमात्र आरक्षित निर्वाचन सीट थी। अनीता के बाद मीरा कांवरिया निगम की अगली मेयर बनीं। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद करीब एमसीडी के सभी मेयर ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा किया है। 

दोबारा मेयर बनाकर लिखा जा सकता है इतिहास

संभव है कि बुधवार को दिल्ली का जो भी मेयर बने अप्रैल में फिर से उसे ही मेयर बनने का मौका मिल जाए। एमसीडी और एमसीडी की सियासत को नजदीक से जानने वाले रणनीतिकारों का मानना है कि केंद्र सरकार चाहे तो डीएमसी एक्ट में संशोधन के तहत ऐसा कर सकती है, क्योंकि नए मेयर को काम काज समझने में महीने भर से ज्यादा का वक्त लगता है। नए मेयर ने अभी काम काज संभाला भी नहीं होगा तभी कार्यकाल खत्म हो जाएगा। ऐसे में उम्मीद है कि पुराने मेयर को ही फिर से औपचारिक रूप से अगले चुनाव के लिए नामित कर दिया जाए।

अप्रैल में फिर से होगा चुनाव

निगम का वित्त वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है। डीएमसी एक्ट 1957 के मुताबिक हर साल वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में मेयर का चुनाव कराया जाता है। पहले मेयर का चुनाव होने के बाद एमसीडी का गठन माना जाता है। 

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