MC Shimla Election: विधानसभा के बाद बजेगा नगर निगम चुनाव का बिगुल

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नगर निगम शिमला।

नगर निगम शिमला।
– फोटो : अमर उजाला

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विधानसभा चुनाव के बाद राजधानी में नगर निगम चुनाव का भी बिगुल बजने वाला है। विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता इस हफ्ते हट जाएगी। इसके बाद जिला प्रशासन नगर निगम चुनाव के लिए वार्डों के पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
   प्रदेश हाईकोर्ट ने वार्ड पुनर्सीमांकन मामले में जिला प्रशासन को नए सिरे से फैसला लेने के निर्देश दिए हैं। नाभा और समरहिल वार्ड के पुनर्सीमांकन पर प्रशासन को फैसला लेना है। आचार संहिता के चलते जिला प्रशासन ने इस पर आठ दिसंबर तक फैसला न लेने की बात कही थी। अब इस हफ्ते आचार संहिता हटने के बाद पुनर्सीमांकन को लेकर कसरत शुरू हो जाएगी। इस प्रक्रिया में करीब एक महीने का वक्त लग सकता है। प्रशासन का कहना है कि इसी महीने पुनर्सीमांकन पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि, चुनाव फरवरी या मार्च में ही होने की संभावना है। 
   नगर निगम का कार्यकाल 17 जून को खत्म हो चुका है। मेयर और पार्षद न होने के कारण लोगों को प्रमाणपत्र बनाने से लेकर नए काम अटके पड़े हैं। नगर निगम के कई पूर्व पार्षद इस बार फिर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी इनकी नजर है। एग्जिट पोल के बाद भाजपा के पूर्व पार्षद जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं तो कांग्रेस के पूर्व पार्षदों ने कहा कि आठ दिसंबर को नतीजा उनके पक्ष में आएगा।

विस का एमसी चुनाव पर भी पड़ेगा असर
विधानसभा चुनाव के नतीजे शिमला नगर निगम के चुनाव पर भी असर डालेंगे। जीत हासिल करने वाली पार्टी शिमला नगर निगम पर भी कब्जा करना चाहेगी। यह पहला मौका है जब शिमला नगर निगम के चुनाव विस चुनाव के बाद होंगे। अभी तक विधानसभा चुनाव से पहले ही नगर निगम शिमला के चुनाव होते रहे हैं। इस बार वार्ड पुनर्सीमांकन के चलते निगम के चुनाव छह माह से लटके पड़े हैं। यह अब विधानसभा चुनाव के बाद होंगे। 

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विधानसभा चुनाव के बाद राजधानी में नगर निगम चुनाव का भी बिगुल बजने वाला है। विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता इस हफ्ते हट जाएगी। इसके बाद जिला प्रशासन नगर निगम चुनाव के लिए वार्डों के पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया शुरू कर देगा।

   प्रदेश हाईकोर्ट ने वार्ड पुनर्सीमांकन मामले में जिला प्रशासन को नए सिरे से फैसला लेने के निर्देश दिए हैं। नाभा और समरहिल वार्ड के पुनर्सीमांकन पर प्रशासन को फैसला लेना है। आचार संहिता के चलते जिला प्रशासन ने इस पर आठ दिसंबर तक फैसला न लेने की बात कही थी। अब इस हफ्ते आचार संहिता हटने के बाद पुनर्सीमांकन को लेकर कसरत शुरू हो जाएगी। इस प्रक्रिया में करीब एक महीने का वक्त लग सकता है। प्रशासन का कहना है कि इसी महीने पुनर्सीमांकन पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि, चुनाव फरवरी या मार्च में ही होने की संभावना है। 

   नगर निगम का कार्यकाल 17 जून को खत्म हो चुका है। मेयर और पार्षद न होने के कारण लोगों को प्रमाणपत्र बनाने से लेकर नए काम अटके पड़े हैं। नगर निगम के कई पूर्व पार्षद इस बार फिर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी इनकी नजर है। एग्जिट पोल के बाद भाजपा के पूर्व पार्षद जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं तो कांग्रेस के पूर्व पार्षदों ने कहा कि आठ दिसंबर को नतीजा उनके पक्ष में आएगा।

विस का एमसी चुनाव पर भी पड़ेगा असर

विधानसभा चुनाव के नतीजे शिमला नगर निगम के चुनाव पर भी असर डालेंगे। जीत हासिल करने वाली पार्टी शिमला नगर निगम पर भी कब्जा करना चाहेगी। यह पहला मौका है जब शिमला नगर निगम के चुनाव विस चुनाव के बाद होंगे। अभी तक विधानसभा चुनाव से पहले ही नगर निगम शिमला के चुनाव होते रहे हैं। इस बार वार्ड पुनर्सीमांकन के चलते निगम के चुनाव छह माह से लटके पड़े हैं। यह अब विधानसभा चुनाव के बाद होंगे। 



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