MCD: एल्डरमैन की नियुक्ति पर विवाद, BJP बोली- अपने नियुक्त लोगों की प्रोफाइल याद करे AAP

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MCD Mayor Election

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– फोटो : Agency (File Photo)

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आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने नगर निगम के एल्डरमैन की नियुक्ति में नियमों की लापरवाही बरती है। उसने किसी विशेष क्षेत्र में ख्याति प्राप्त लोगों की नियुक्ति की बजाय अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को ही एल्डरमैन के रूप में नियुक्त कर दिया है। आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि इसके जरिए भाजपा जोनल चेयरमैन पद और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के पद हथियाना चाहती है।

भाजपा ने आम आदमी पार्टी के इस आरोप पर कड़ा पलटवार किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि यह आरोप लगाने से पहले आम आदमी पार्टी को पूर्व में अपने द्वारा नियुक्त किये गए एल्डरमैन की प्रोफाइल याद कर लेनी होगी। उन्होंने कहा कि एल्डरमैन नियुक्ति पर बौखलाई आम आदमी पार्टी अब सेल्फ गोल कर गई है। 2017 में संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार दिल्ली सरकार के पास तत्कालीन तीनों नगर निगमों में दस-दस एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार था और तब आम आदमी पार्टी के 30 कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन नियुक्त किया गया था। उनमें से हर एक के आम आदमी पार्टी से जुड़ाव के सबूत उनके सोशल मीडिया आकउंट से तो मिल ही सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने न केवल अपने कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करवाई थी, बल्कि बड़ा संवैधानिक घपला किया था और दक्षिण दिल्ली निगम क्षेत्र में रहने वाले अपने दो पार्टी प्रवक्ताओं घनेंद्र भारद्वाज एवं कैप्टन शालिनी को पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नामांकित कर दिया था। इस पर बड़ा विवाद हुआ पर केजरीवाल सरकार ने गलती को नही स्वीकारा और उनके नाम वापस नहीं लिए।

भाजपा नेता के मुताबिक, इसी तरह 2017 में पूर्वी दिल्ली में नियुक्त एल्डरमैन हाजी युनूस 2020 में विधायक बन गये और एल्डरमैन अतुल गुप्ता ने विश्वास नगर से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ा, हार गये पर एल्डरमैन बने रहे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि आरोप लगाने की बजाय आम आदमी पार्टी को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेना चाहिए और दिल्ली को उसका मेयर देना चाहिए, जिससे विकास कार्यों को तत्काल आगे बढ़ाया जा सके।

विस्तार

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने नगर निगम के एल्डरमैन की नियुक्ति में नियमों की लापरवाही बरती है। उसने किसी विशेष क्षेत्र में ख्याति प्राप्त लोगों की नियुक्ति की बजाय अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को ही एल्डरमैन के रूप में नियुक्त कर दिया है। आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि इसके जरिए भाजपा जोनल चेयरमैन पद और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के पद हथियाना चाहती है।

भाजपा ने आम आदमी पार्टी के इस आरोप पर कड़ा पलटवार किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि यह आरोप लगाने से पहले आम आदमी पार्टी को पूर्व में अपने द्वारा नियुक्त किये गए एल्डरमैन की प्रोफाइल याद कर लेनी होगी। उन्होंने कहा कि एल्डरमैन नियुक्ति पर बौखलाई आम आदमी पार्टी अब सेल्फ गोल कर गई है। 2017 में संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार दिल्ली सरकार के पास तत्कालीन तीनों नगर निगमों में दस-दस एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार था और तब आम आदमी पार्टी के 30 कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन नियुक्त किया गया था। उनमें से हर एक के आम आदमी पार्टी से जुड़ाव के सबूत उनके सोशल मीडिया आकउंट से तो मिल ही सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने न केवल अपने कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करवाई थी, बल्कि बड़ा संवैधानिक घपला किया था और दक्षिण दिल्ली निगम क्षेत्र में रहने वाले अपने दो पार्टी प्रवक्ताओं घनेंद्र भारद्वाज एवं कैप्टन शालिनी को पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नामांकित कर दिया था। इस पर बड़ा विवाद हुआ पर केजरीवाल सरकार ने गलती को नही स्वीकारा और उनके नाम वापस नहीं लिए।

भाजपा नेता के मुताबिक, इसी तरह 2017 में पूर्वी दिल्ली में नियुक्त एल्डरमैन हाजी युनूस 2020 में विधायक बन गये और एल्डरमैन अतुल गुप्ता ने विश्वास नगर से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ा, हार गये पर एल्डरमैन बने रहे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि आरोप लगाने की बजाय आम आदमी पार्टी को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेना चाहिए और दिल्ली को उसका मेयर देना चाहिए, जिससे विकास कार्यों को तत्काल आगे बढ़ाया जा सके।



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