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MCD: AAP, BJP Protest
– फोटो : Agency
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नगर निगम में मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ ग्रहण कराने पर भाजपा अड़ी हुई है, तो आम आदमी पार्टी निर्वाचित सदस्यों को पहले शपथ ग्रहण कराने के अपने रुख से टस से मस नहीं हुई है। दोनों पार्टियों के अपने रुख पर अड़े रहने के कारण फिलहाल मेयर पद के लिए मतदान की राह निकलती नहीं दिखाई दे रही है। इस बीच दोनों ही पार्टियों ने सोमवार को सड़कों पर प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाने का फैसला किया है। भाजपा सोमवार को अपने कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में चंदगीराम अखाड़े से एक विरोध प्रदर्शन निकालते हुए मुख्यमंत्री के आवास तक पहुंचेगी और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी। वहीं, आम आदमी पार्टी भी सड़कों पर बड़ा विरोध प्रदर्शन कर भाजपा को घेरने की रणनीति बना रही है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि नगर निगम के सदन के पीठासीन अधिकारी ने मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ ग्रहण कराने की शुरुआत कर दी थी, तो इसका विरोध नहीं करना चाहिए था। नगर निगम के लिए बनी नियमावली में इसका कहीं कोई प्रावधान नहीं है कि निर्वाचित सदस्यों को ही पहले शपथ ग्रहण कराया जाए। जब दोबारा सदन की बैठक होगी, तो उसमें शेष छह मनोनीत सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा, इसके बाद ही कोई प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
वहीं, आम आदमी पार्टी अभी भी निर्वाचित सदस्यों का पहले शपथ ग्रहण कराने के लिए कमर कस चुकी है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा मनोनीत सदस्यों को भी मतदान का अधिकार दिलाकर मेयर-डिप्टी मेयर पद के चुनाव को प्रभावित करना चाहती है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। दोनों पार्टियों के अड़ियल रुख से बीच का रास्ता निकलता नहीं दिखाई पड़ रहा है, जिससे मेयर पद के चुनाव में बाधा पड़ती दिखाई पड़ रही है।
महिलाओं का सम्मान नहीं कर रहे आप पार्टी के नेता
दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता नेहा शालिनी दुआ ने अमर उजाला से कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता बार-बार महिलाओं का अपमान करते हैं। अब तक वे सदन के बाहर महिलाओं का अपमान करते थे, अब वे नगर निगम के सदन के अंदर भी महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। पूरी दिल्ली ने देखा कि कैसे उनके पार्षदों ने भाजपा की महिला पार्षदों के साथ शुक्रवार को नगर निगम के सदन के अंदर अभद्र व्यवहार किया।
नेहा शालिनी दुआ ने आरोप लगाया कि कंझावला कांड में पुलिस जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि पीड़ित महिला के साथ जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों ने शराब पी रखी थी। सत्ता में आने के पहले महिला सुरक्षा की बात करने वाले केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद दिल्ली की गली-गली में शराब की दुकानें खुलवाने का काम किया, जिससे महिलाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली सरकार हर गली में शराब की दुकानें खुलवाने का काम न करती तो कंझावला जैसे जघन्य कांड से बचा जा सकता था।
अपने नेताओं पर केजरीवाल को नहीं भरोसा
भाजपा नेता ने कहा कि कोई सदन इसके पीठासीन अधिकारी के अनुसार चलता है, इसे आम आदमी पार्टी की इच्छा के अनुसार नहीं चलाया जा सकता। केजरीवाल स्वयं को अराजक कहते हैं और वे बार-बार यह साबित करते हैं कि उन्हें इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है। एक पीठासीन अधिकारी के काम में बाधा डालकर इस बार भी वे यही काम कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को अपनी ही पार्टी के नेताओं पर विश्वास नहीं है। यही कारण है कि उन्हें लग रहा है कि मेयर पद का चुनाव होने पर उनकी पार्टी के नेता दूसरी पार्टी के मेयर प्रत्याशी को वोट कर सकते हैं। यही कारण है कि हार की डर से आम आदमी पार्टी मेयर पद के चुनाव में रोड़े अटका रही है। लेकिन मेयर पद का चुनाव सदन के पटल पर होगा, लिहाजा आम आदमी पार्टी को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए सदन चलने में सहयोग करना चाहिए।
यहां है संकट
दरअसल, दोनों राजनीतिक दलों की रस्साकसी के पीछे जोनल चुनाव असली कारण माने जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की पांच और भाजपा की चार जोन में जीत लगभग तय मानी जा रही है। जबकि तीन जोन के चुनाव में दोनों के बीच टक्कर हो सकती है। चूंकि, मनोनीत सदस्यों को जोनल चुनाव में मत देने का अधिकार होता है, जोनल चुनाव में उनका मत निर्णायक हो सकता है। यही कारण है कि भाजपा मेयर पद पर चुनाव के पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ कराने की कोशिश कर रही है, जबकि आम आदमी पार्टी इससे बचने की रणनीति अपना रही है।
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