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एमसीडी इलेक्शन 2022
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली में रविवार का दिन चुनाव प्रचार के सुपर संडे का रहा। भाजपा ने उत्तराखंड-असम के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ दर्जनों केंद्रीय नेताओं को रोड शो में उतार दिया। पार्टी ने केवल रविवार को ही 14 रोड शो कर राजधानी में चुनाव प्रचार का रंग जमा दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भाजपा के लिए वोट मांगे। वहीं, दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल ने भी पहली बार नगर निगम चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का प्रचार किया। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपने लिए 250 में से 230 सीटों पर जीत की मांग की। क्या अरविंद केजरीवाल 2015 और 2020 विधानसभा चुनावों की सफलता को इस बार MCD में दोहरा सकेंगे?
भाजपा ने 2017 नगर निगम चुनाव के दौरान भी इसी तरह आक्रामक चुनाव प्रचार कर अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही थी। उसने अमित शाह के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को चुनाव प्रचार में उतार दिया था। अमित शाह की आक्रामक चुनाव प्रचार की रणनीति का भाजपा को लाभ हुआ और 2015 विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद भी अरविंद केजरीवाल नगर निगम में अपना जादू नहीं दिखा सके और भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब रही। हालांकि, जब एक बार फिर विधानसभा चुनावों की बारी आई तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली पर अपनी पकड़ साबित करने में कामयाब रहे।
अगर चुनाव प्रचार और संसाधनों की बात करें तो 2022 के नगर निगम चुनाव में भी पलड़ा काफी हद तक भाजपा के पक्ष में झुका हुआ नजर आ रहा है। भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं की भारी-भरकम फौज गुजरात से लेकर दिल्ली तक चुनाव प्रचार में जुटी है तो आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल पहले के मुकाबले काफी मजबूत होने के बाद भी बीजेपी की तुलना में बेहद कम संख्या के नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ अपनी पूरी ताकत झोंकने की कोशिश कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक का मानना है कि इस बार भी उन्हें जनता का साथ मिलेगा और वे नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहेंगे। इसका बड़ा कारण है कि जनता उनके साथ है और जब जनता साथ होती है तो नेताओं की बड़ी फौज भी चुनाव परिणाम प्रभावित नहीं कर पाती। उन्होंने कहा कि वे भारी भरकम बहुमत से जीत हासिल करने में सफल रहेंगे।
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