MCD Elections : कांग्रेस ने सबसे अधिक, भाजपा ने कम और आप ने 11 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे

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– फोटो : Social Media

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गत वर्ष पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तीन वार्डों के उपचुनाव में एक वार्ड में मुस्लिम उम्मीदवार की भारी जीत से उत्साहित कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय के दम पर वह एमसीडी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। मुस्लिम प्रत्याशी उतारने में कांग्रेस ने गत तीन विधानसभा चुनावों में इस वर्ग का भारी समर्थन पाने वाली आम आदमी पार्टी को काफी पीछे छोड़ दिया है। इनके मुकाबले भाजपा ने मुस्लिम समुदाय को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है।

एमसीडी के 250 वार्डों में से 26 में कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं को टिकट दिया है। इस तरह कांग्रेस ने 10 प्रतिशत से अधिक टिकट मुस्लिम समुदाय के नेताओं को दिए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी ने 13 तो भाजपा ने महज चार वार्डों में ही मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। खास बात यह है कि भाजपा ने जिन चार वार्डों में मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है उनमें कांग्रेस व आप ने भी मुस्लिम समुदाय के नेेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। 

एमसीडी के नौ वार्डों में कांग्रेस व आप के मुस्लिम समुदाय के नेता आमने-सामने हैं। इन वार्डों में भाजपा के हिंदू समुदाय के नेता चुनाव लड़ रहे हैं। इस तरह 13 वार्डों में कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं की आप व भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हिंदू समुदाय के नेताओं से टक्कर है।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, एमसीडी व लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय का वोट उनके पक्ष में आता है। इसकी बानगी पांच साल पहले तीनों नगर निगम और करीब ढाई साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल चुकी है। इसके अलावा गत वर्ष पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तीन वार्डों के उपचुनाव में कांग्रेस को 30 प्रतिशत मत मिले थे और उसने मुस्लिम बहुल एक वार्ड में जीत भी हासिल की थी। इसके मद्देनजर इस बार पार्टी ने 25 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले वार्डों में स्थानीय नेताओं को टिकट दिया है।

आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल वार्डों में ही मुस्लिम समुदाय के नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि इन इलाकों में पांच साल पहले तीनों नगर निगम के चुनाव में आप को कोई खास सफलता नहीं मिली थी। इस तरह आप ने कांग्रेस की तरह अन्य मुस्लिम आबादी वाले वार्डों में मुस्लिम समुदाय के नेेताओं पर दांव नहीं लगाया। 

रविवार को पार्टी महा जनसंपर्क अभियान चलाएगी
भाजपा आक्रामक प्रचार अभियान की नीति के तहत महा जनसंपर्क अभियान चलाएगी। बीते रविवार को जहां भाजपा ने प्रचार के सुपर संडे में अपने महारथियों को उतारा था तो आने वाले रविवार को इस अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक वोटरों तक पहुंचने की नीति तैयार की है। पार्टी के एक लाख कार्यकर्ता इसमें मुख्य भूमिका में रहेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक भी घर-घर दस्तक देंगे।

एमसीडी चुनाव को लेकर भाजपा का प्रचार संगठित तरह से चल रहा है। पार्टी नुक्कड़ सभाओं के साथ ही सीधे जनसंपर्क अभियान पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में दिल्ली के हर तक पहुंचने की नीति तैयार की गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बताया कि 27 नवंबर को भाजपा घर-घर पहुंचेगी। जनसंपर्क अभियान सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा। निगम में पिछले पांच साल में बहुत काम किया है। 5 हजार से ज्यादा पार्कों को चमका दिया है, निगम के स्कूलों का भी कायाकल्प हुआ है। दिल्ली में वेस्ट टू एनर्जी के चार प्लांट लग गए हैं। झुग्गीवासियों को फ्लैट देने की शुरुआत कर दी है। गोविंदपुरी में 3024 फ्लैट दिए जा चुके हैं, साथ ही 17 हजार फ्लैट तैयार हैं। 

आप विधायकों ने कई इलाकों में किया जनसंवाद
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने एमसीडी चुनाव के सिलसिले में मंगलवार को कई इलाकों में जनसंवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भाजपा के किसी उम्मीदवार के पास 15 साल के दौरान उनकी पार्टी से एमसीडी में किए गए काम करने के बारे में बताने के लिए कुछ नहीं है। दरअसल एमसीडी में भाजपा ने कोई कार्य नहीं किया।

आप विधायक आतिशी, दुर्गेश पाठक, दिलीप पांडेय समेत अन्य कई विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद किया। इस मौके पर उन्होंने एमसीडी के लिए केजरीवाल की 10 गारंटी घर-घर पहुंचाने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने अरविंद केजरीवाल के बखूबी रूप से जिम्मेदारी निभाने का दावा किया। 

केजरीवाल सरकार ने बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा आदि काम किए हैं, वहीं भाजपा ने एक काम नहीं किया है। भाजपा ने दिल्ली को कूड़ा-कूड़ा कर दिया। देश की राजधानी को कूड़े की राजधानी बना दिया। इस कारण भाजपा अपने 15 साल का हिसाब देने से भाग रही है और वह केजरीवाल को बदनाम करने की राजनीति कर रही है। 

गत वर्ष पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तीन वार्डों के उपचुनाव में एक वार्ड में मुस्लिम उम्मीदवार की भारी जीत से उत्साहित कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय के दम पर वह एमसीडी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। मुस्लिम प्रत्याशी उतारने में कांग्रेस ने गत तीन विधानसभा चुनावों में इस वर्ग का भारी समर्थन पाने वाली आम आदमी पार्टी को काफी पीछे छोड़ दिया है। इनके मुकाबले भाजपा ने मुस्लिम समुदाय को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है।

एमसीडी के 250 वार्डों में से 26 में कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं को टिकट दिया है। इस तरह कांग्रेस ने 10 प्रतिशत से अधिक टिकट मुस्लिम समुदाय के नेताओं को दिए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी ने 13 तो भाजपा ने महज चार वार्डों में ही मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। खास बात यह है कि भाजपा ने जिन चार वार्डों में मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है उनमें कांग्रेस व आप ने भी मुस्लिम समुदाय के नेेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। 

एमसीडी के नौ वार्डों में कांग्रेस व आप के मुस्लिम समुदाय के नेता आमने-सामने हैं। इन वार्डों में भाजपा के हिंदू समुदाय के नेता चुनाव लड़ रहे हैं। इस तरह 13 वार्डों में कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं की आप व भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हिंदू समुदाय के नेताओं से टक्कर है।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, एमसीडी व लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय का वोट उनके पक्ष में आता है। इसकी बानगी पांच साल पहले तीनों नगर निगम और करीब ढाई साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल चुकी है। इसके अलावा गत वर्ष पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तीन वार्डों के उपचुनाव में कांग्रेस को 30 प्रतिशत मत मिले थे और उसने मुस्लिम बहुल एक वार्ड में जीत भी हासिल की थी। इसके मद्देनजर इस बार पार्टी ने 25 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले वार्डों में स्थानीय नेताओं को टिकट दिया है।

आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल वार्डों में ही मुस्लिम समुदाय के नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि इन इलाकों में पांच साल पहले तीनों नगर निगम के चुनाव में आप को कोई खास सफलता नहीं मिली थी। इस तरह आप ने कांग्रेस की तरह अन्य मुस्लिम आबादी वाले वार्डों में मुस्लिम समुदाय के नेेताओं पर दांव नहीं लगाया। 

रविवार को पार्टी महा जनसंपर्क अभियान चलाएगी

भाजपा आक्रामक प्रचार अभियान की नीति के तहत महा जनसंपर्क अभियान चलाएगी। बीते रविवार को जहां भाजपा ने प्रचार के सुपर संडे में अपने महारथियों को उतारा था तो आने वाले रविवार को इस अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक वोटरों तक पहुंचने की नीति तैयार की है। पार्टी के एक लाख कार्यकर्ता इसमें मुख्य भूमिका में रहेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक भी घर-घर दस्तक देंगे।

एमसीडी चुनाव को लेकर भाजपा का प्रचार संगठित तरह से चल रहा है। पार्टी नुक्कड़ सभाओं के साथ ही सीधे जनसंपर्क अभियान पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में दिल्ली के हर तक पहुंचने की नीति तैयार की गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बताया कि 27 नवंबर को भाजपा घर-घर पहुंचेगी। जनसंपर्क अभियान सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा। निगम में पिछले पांच साल में बहुत काम किया है। 5 हजार से ज्यादा पार्कों को चमका दिया है, निगम के स्कूलों का भी कायाकल्प हुआ है। दिल्ली में वेस्ट टू एनर्जी के चार प्लांट लग गए हैं। झुग्गीवासियों को फ्लैट देने की शुरुआत कर दी है। गोविंदपुरी में 3024 फ्लैट दिए जा चुके हैं, साथ ही 17 हजार फ्लैट तैयार हैं। 

आप विधायकों ने कई इलाकों में किया जनसंवाद

आम आदमी पार्टी के विधायकों ने एमसीडी चुनाव के सिलसिले में मंगलवार को कई इलाकों में जनसंवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भाजपा के किसी उम्मीदवार के पास 15 साल के दौरान उनकी पार्टी से एमसीडी में किए गए काम करने के बारे में बताने के लिए कुछ नहीं है। दरअसल एमसीडी में भाजपा ने कोई कार्य नहीं किया।

आप विधायक आतिशी, दुर्गेश पाठक, दिलीप पांडेय समेत अन्य कई विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद किया। इस मौके पर उन्होंने एमसीडी के लिए केजरीवाल की 10 गारंटी घर-घर पहुंचाने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने अरविंद केजरीवाल के बखूबी रूप से जिम्मेदारी निभाने का दावा किया। 

केजरीवाल सरकार ने बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा आदि काम किए हैं, वहीं भाजपा ने एक काम नहीं किया है। भाजपा ने दिल्ली को कूड़ा-कूड़ा कर दिया। देश की राजधानी को कूड़े की राजधानी बना दिया। इस कारण भाजपा अपने 15 साल का हिसाब देने से भाग रही है और वह केजरीवाल को बदनाम करने की राजनीति कर रही है। 



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