MCD Elections : निगम चुनाव में भाजपा का रहा है दबदबा, सात बार खिला है कमल, तीन दफा कांग्रेस रही सत्ता के साथ

[ad_1]

एमसीडी इलेक्शन 2022

एमसीडी इलेक्शन 2022
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अधिक सफलता नहीं प्राप्त करने वाली भाजपा का नगर निगम चुनाव में खूब दबदबा रहा है। इस चुनाव से पहलेे नगर निगम के हुए 11 चुनावों में सात बार भाजपा (जनसंघ व जनता पार्टी) ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस तीन बार जीतने में सफल रही। वहीं, नगर निगम के पहले चुनाव में वर्ष 1958 के दौरान किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। आम आदमी पार्टी दूसरी बार चुनाव लड़ रही है। वर्ष 2017 में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भाजपा अपना दबदबा बना पाएगी या फिर आम आदमी पार्टी व कांग्रेस उसे रोक पाएंगी अब इसका खुलासा सात दिसंबर को होगा।

एकीकृत नगर निगम के पहली बार चुनाव वर्ष 1958 में हुए थे। इस चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। जनसंघ, कांग्रेस व अन्य दलों के पार्षद समझौता करके अलग-अलग वर्ष के दौरान निगम के महत्वपूर्ण पदों पर चुने गए थे। वर्ष 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारते हुए बहुमत प्राप्त किया। वर्ष 1967 व 1972 में जनसंघ (अब भाजपा) ने जीत हासिल की। इसके अलावा वर्ष 1977 में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 

इस चुनाव में जनता पार्टी (अब भाजपा) जीतने में कामयाब हुई, जबकि वर्ष 1983 में कांग्रेस ने भाजपा को हरा दिया। वर्ष 1990 में निगम के भंग कर देने के बाद वर्ष 1997 में हुए चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की, लेकिन वर्ष 2002 के चुनाव में उसे कांग्रेस ने करारी मात दी। भाजपा ने वर्ष 2007 में एक बार फिर वापसी की और उसने निगम का विभाजन होने के बाद अस्तित्व में आई तीनों नगर निगम में भी वर्ष 2012 व 2017 में भी जीत का सिलसिला जारी रखा।

भाजपाइयों ने जनसंघ व जनता पार्टी के जमाने में भी जीत हासिल की थी
नगर निगम के वर्ष 1983 से 2007 के बीच हुए चुनाव में भाजपा का कांग्रेस के साथ मुकाबला हुआ, जबकि वर्ष 1977 में कांग्रेस व जनता पार्टी के बीच चुनावी भिड़ंत हुई थी। उस समय भाजपा नहीं बनी थी और जनसंघ का जनता पार्टी में विलय कर दिया गया था। वर्ष 1980 में जनता पार्टी से निकलकर जनसंघ के नेताओं ने भाजपा का गठन किया था। वहीं, वर्ष 1958 से 1972 तक कांग्रेस व जनसंघ (अब भाजपा) के बीच चुनावी दंगल हुआ था।

दूसरी बार हो रहा है तिकोना मुकाबला
निगम चुनाव में अधिकतर बार कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ है, लेकिन अब लगातार दूसरी बार तीन प्रमुख दलों के बीच लड़ाई हो रही है। पांच साल पहले वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी ने पहली बार निगम में ताल ठोकी थी और उसने तीनों निगमों में कांग्रेस को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इससे पहले वर्ष 2007 व 2012 के चुनाव में बसपा ने भी ताल ठोकी, लेकिन वह दोनों बार कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी।

निगम चुनाव में कब कौन जीता
              वर्ष             जीता

  • 1958            किसी को बहुमत नहीं
  • 1962            कांग्रेस
  • 1967            जनसंघ (अब भाजपा)
  • 1972            जनसंघ (अब भाजपा)
  • 1977            जनता पार्टी (अब भाजपा)
  • 1983            कांग्रेस
  • 1997            भाजपा
  • 2002            कांग्रेस
  • 2007            भाजपा
  • 2012            भाजपा
  • 2017            भाजपा

विस्तार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अधिक सफलता नहीं प्राप्त करने वाली भाजपा का नगर निगम चुनाव में खूब दबदबा रहा है। इस चुनाव से पहलेे नगर निगम के हुए 11 चुनावों में सात बार भाजपा (जनसंघ व जनता पार्टी) ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस तीन बार जीतने में सफल रही। वहीं, नगर निगम के पहले चुनाव में वर्ष 1958 के दौरान किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। आम आदमी पार्टी दूसरी बार चुनाव लड़ रही है। वर्ष 2017 में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भाजपा अपना दबदबा बना पाएगी या फिर आम आदमी पार्टी व कांग्रेस उसे रोक पाएंगी अब इसका खुलासा सात दिसंबर को होगा।

एकीकृत नगर निगम के पहली बार चुनाव वर्ष 1958 में हुए थे। इस चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। जनसंघ, कांग्रेस व अन्य दलों के पार्षद समझौता करके अलग-अलग वर्ष के दौरान निगम के महत्वपूर्ण पदों पर चुने गए थे। वर्ष 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारते हुए बहुमत प्राप्त किया। वर्ष 1967 व 1972 में जनसंघ (अब भाजपा) ने जीत हासिल की। इसके अलावा वर्ष 1977 में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 

इस चुनाव में जनता पार्टी (अब भाजपा) जीतने में कामयाब हुई, जबकि वर्ष 1983 में कांग्रेस ने भाजपा को हरा दिया। वर्ष 1990 में निगम के भंग कर देने के बाद वर्ष 1997 में हुए चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की, लेकिन वर्ष 2002 के चुनाव में उसे कांग्रेस ने करारी मात दी। भाजपा ने वर्ष 2007 में एक बार फिर वापसी की और उसने निगम का विभाजन होने के बाद अस्तित्व में आई तीनों नगर निगम में भी वर्ष 2012 व 2017 में भी जीत का सिलसिला जारी रखा।

भाजपाइयों ने जनसंघ व जनता पार्टी के जमाने में भी जीत हासिल की थी

नगर निगम के वर्ष 1983 से 2007 के बीच हुए चुनाव में भाजपा का कांग्रेस के साथ मुकाबला हुआ, जबकि वर्ष 1977 में कांग्रेस व जनता पार्टी के बीच चुनावी भिड़ंत हुई थी। उस समय भाजपा नहीं बनी थी और जनसंघ का जनता पार्टी में विलय कर दिया गया था। वर्ष 1980 में जनता पार्टी से निकलकर जनसंघ के नेताओं ने भाजपा का गठन किया था। वहीं, वर्ष 1958 से 1972 तक कांग्रेस व जनसंघ (अब भाजपा) के बीच चुनावी दंगल हुआ था।

दूसरी बार हो रहा है तिकोना मुकाबला

निगम चुनाव में अधिकतर बार कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ है, लेकिन अब लगातार दूसरी बार तीन प्रमुख दलों के बीच लड़ाई हो रही है। पांच साल पहले वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी ने पहली बार निगम में ताल ठोकी थी और उसने तीनों निगमों में कांग्रेस को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इससे पहले वर्ष 2007 व 2012 के चुनाव में बसपा ने भी ताल ठोकी, लेकिन वह दोनों बार कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी।

निगम चुनाव में कब कौन जीता

              वर्ष             जीता

  • 1958            किसी को बहुमत नहीं
  • 1962            कांग्रेस
  • 1967            जनसंघ (अब भाजपा)
  • 1972            जनसंघ (अब भाजपा)
  • 1977            जनता पार्टी (अब भाजपा)
  • 1983            कांग्रेस
  • 1997            भाजपा
  • 2002            कांग्रेस
  • 2007            भाजपा
  • 2012            भाजपा
  • 2017            भाजपा



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *