दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने निगम चुनाव में अधिकतम मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान तेज कर दिया है। आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए रविवार को लोकतंत्र का सम्मान करें हम, आओ मतदान करें हम, थीम सांग लांच किया।
वहीं, जागरूकता संदेश के साथ 50 ऑटो को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया, आउटडोर मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए ऑटो रिक्शा का भी सहारा लिया गया है। इसके अलावा होर्डिंग, मेट्रो, डिस्प्ले बोर्ड, डीटीसी बसों, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड और अन्य विभिन्न प्रकार के आउटडोर मीडिया के माध्यम से भी मतदाताओं से मतदान करने की अपील की जा रही है।
एफएम रेडियो चैनलों के माध्यम से रेडियो जिंगल भी प्रसारित किया जा रहा है। चुनाव आयुक्त विजय देव ने बताया कि चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक पेज के माध्यम से भी जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न मतदाता संवाद कार्यक्रम और जागरूकता वीडियो का भी प्रचार किया जा रहा है।
आयोग ने प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट इरफान के कार्टूनों से भी लोकतांत्रिक अधिकारों और मतदाताओं के बीच मतदान के महत्व के बारे में भी बताया है। इसके अलावा सभी जिला चुनाव अधिकारियों को मतदाताओं को जागरूक करने वाली गतिविधियों का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला निर्वाचन अधिकारी स्कूलों व सामुदायिक क्षेत्र में स्लोगन राइटिंग, रंगोली, क्विज, नुक्कड़ नाटक व अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
मुद्दों के दम पर कांग्रेस मैदान में उतरी : अलका
दो मजबूत विपक्ष सामने हैं, कांग्रेस को चुनाव से कितनी उम्मीदें हैं?
भाजपा और आम आदमी पार्टी के पास निगम चुनाव के लिए चेहरे नहीं हैं। दोनों पार्टियां आला नेताओं के दम पर चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस मुद्दों के दम पर चुनाव लड़ रही है। इससे दिल्ली वासियों का पूरा समर्थन मिल रहा है। हमें अच्छे प्रदर्शन की पूरी उम्मीद है।
निगम की वित्तीय सेहत बिगड़ी ह़ुई हैं, कांग्रेस के पास इसे सुधारने के लिए क्या विकल्प हैं?
निगम पर 21 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। पार्टियों ने हर बार चुनाव में वोट मांगकर लोगों से झूठे वादे किए। हाउस टैक्स में बढ़ोतरी, पार्किंग फीस सहित कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसमें दिल्ली वासियों पर बोझ डाल दिया गया। कांग्रेस के पास इसे सुधारने के लिए प्लान है। निगम को हाउस टैक्स के नाम पर 4000 करोड़ के बजाय 2000 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। आखिरकार बाकी राशि कहां हैं, इसका जवाब तो देना होगा।
निगम की खराब वित्तीय स्थिति के लिए कौन जिम्मेवार हैं।
निगम में 15 वर्षों तक भाजपा का शासन रहा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। दोनों पार्टियों के बीच नूरा कुश्ती में जनता का समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। दोनों पार्टियां सत्ता में रहीं, इसलिए जवाबदेही भी उनकी ही है। दोनों एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। इन्होंने शीला दीक्षित सरकार पर आरोप लगाए और बदनाम किया, लेकिन अब जवाब देने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं।
भ्रष्टाचार का मुद्दा इस चुनाव में हावी है, क्या कहना है?
भ्रष्टाचार के मामले में आम आदमी पार्टी के एक नेता जेल में हैं। आबकारी नीति को वापस लिया जाना भी भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है। टिकट बेचने के आरोप में नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो गीता रावत भी इस मामले में पकड़ी गईं थी।
प्रदूषण, कूड़ा और स्वच्छता के मामले में कांग्रेस का क्या कहना है?
सत्ता में आने पर कांग्रेस प्रदूूषण को खत्म करेगी। वायु हो प्रदूषित पानी, कांग्रेस के पास दोनों को दूर करने के उपाय हैं। इसका खाका भी तैयार कर लिया गया है। स्वच्छता के मामले में सुधार के बाद फिर शीला दीक्षित वाली, कांग्रेस की मेरी चमकती दिल्ली बनाएंगे।
हाउस टैक्स के मामले में क्या कहना है?
हाउस टैक्स का लोगों पर बोझ डाला गया। इससे उनकी वित्तीय स्थिति और खराब हुई। सत्ता आने पर 2023 में निगम के पहले बजट में इसे दूर करेंगे। दिल्ली वाले जो टैक्स भरते हैं उसे आधा करेंगे तो ग्रामीण इलाकों में माफ किया जाएगा। कांग्रेस की कोशिश होगी कि दिल्लीवासियों पर न्यूनतम बोझ डालकर बेहतर सुविधाएं दी जाएं।
एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार हुआ : आशीष
एमसीडी में भाजपा को ही कोई क्यों वोट दे?
भाजपा ने ही 15 सालों में दिल्ली वालों की सेवा की है। वादों को निभाया है। स्कूल, अस्पताल, घर-घर से कूड़ा उठा कर साफ-सुथरी दिल्ली को बनाया है। दिल्ली सरकार अगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार नहीं करती तो और बेहतर काम हुआ होता।
पंद्रह साल के शासन में एमसीडी दिल्ली की जनता के सामने कितनी खरी उतरी?
कोविड काल में जब रिश्तेदार तक मरीजों से दूर रहते थे तो निगम ने ही विषाणुयुक्त कचरे का निपटान किया। घर-घर पहुंचकर उस दौरान कूड़े को उठाया। लॉकडाउन में जब लोग घरों में बंद थे तो भी एमसीडी कर्मचारी सेवा दे रहे थे। दिल्ली सरकार गिने-चुने स्कूलों को बेहतर बताती है, लेकिन एमसीडी का हर स्कूल पढ़ाई के साथ ही बिल्डिंग के मामले में भी बेहतर है। एमसीडी के अस्पताल भी किसी सरकारी अस्पताल से कम नहीं है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर पिछले पंद्रह साल में तैयार किया।
छोटे से चुनाव के लिए इतना बड़ा दम क्यों?
चुनाव छोटा हो बड़ा कार्यकर्ता चुनाव लड़ते हैं। भाजपा दिल्ली को विश्व की सबसे बेहतर राजधानी बनाना चाहती है। 15000 पार्क जो दिल्ली की लाइफ लाइन बने हैं, उसे भाजपा बचाना चाहती है। बारात घर में मध्यमवर्ग के लोग भी विवाह-समारोह आयोजित करते है उसे और बेहतर करना चाहती है।
आम आदमी पार्टी से कितना खतरा भाजपा महसूस करती है?
चुनाव तो चुनाव होता है। स्वतंत्र उम्मीदवार से भी खतरा होता है, लेकिन भाजपा को आम आदमी पार्टी से प्रशासनिक और संवैधानिक खतरा है। आप भ्रष्ट पार्टी है। भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टी है, यह बात साबित हो गई है। लिहाजा, आप पार्टी देश व समाज के लिए खतरा है।
भाजपा भ्रष्टाचार के आरोप सरकार पर मढ़ रही है, जबकि एमसीडी पर भी यह आरोप लगते हैं?
संस्था के रूप में एमसीडी पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं, जबकि आप सरकार पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो रहे हैं। रही बात एमसीडी की तो व्यक्तिगत आरोप लगे हैं। इस मामले में भी भाजपा जीरो टोलरेंस की नीति अख्तियार करती है।
एकीकृत निगम के क्या फायदे होंगे?
पैसों का वितरण अब सामान्य रूप से होगा। इस वजह से निगमकर्मियों को वेतन नहीं मिलने से हड़ताल की समस्या से भी निजात मिलेगी। विकास का काम पूरी दिल्ली में होगा। पहले कुछ इलाके ऐसे थे जहां ज्यादा दिक्कत थी अब वहां भी सुधार संभव होगा।
चुनाव जीतने पर विकास का क्या खाका है?
भाजपा ने घोषणा पत्र में कई वादे किए हैं। भाजपा का प्रचार व वादे खोखले नहीं होते। दिल्ली का लड़का कैंपेन घर-घर जाकर बताएगा कि उसे क्या फायदा हुआ। पार्क में सिंथेटिक टर्फ बिछेगी तो बुजुर्गों को पेंशन, शादी के लिए धन दिया जाएगा। कम्यूनिटी सेंटर बनेंगे।
(कांग्रेस नेता अलका और भाजपा की नगर निगम चुनाव कमेटी के प्रमुख आशीष सूद से अमर उजाला संवाददाता सर्वेश कुमार व नवनीत शरण की बातचीत पर आधारित)