Merry christmas 2022: वाराणसी का महा गिरजाघर है सौहार्द की मिसाल, क्रिसमस के लिए ऐसे हो रही है तैयारियां

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क्रिसमस केक

क्रिसमस केक
– फोटो : istock

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काशी में सभी धर्मों के आराधना स्थलों का सम्मान होता है। छावनी स्थित सेंट मैरिज महागिरजाघर का मरियममालय सौहार्द की मिसाल है। इसे एक हिंदू रानी ने बनवाया था। सभी धर्मों के लोग यहां आते हैं। 
विजयानगरम की रानी भागीरथी देवी के पति को गले का कैंसर था। कई जगहों पर इलाज कराया, लेकिन ठीक नहीं हुआ। रानी उस समय छावनी स्थित बड़ा गिरजा आई और पति के लिए मन्नत मांगी। बताते हैं कि इसके बाद वह ठीक हो गए। जिसके बाद रानी ने 1929 में मरियममालय बनवाया। यहां मरियम की दो मूर्तियां हैं। मरियममालय को गुफा के रू प में तैयार किया गया है। जहां मरियम के नाम एक संदेश भी लिखा है। 
मैत्री भवन के निदेशक फिलिफ डेनिस ने बताया कि सबसे ज्यादा चढ़ावा मरियममालय में आता है। यहां सभी धर्म के लोग दर्शन करने आते हैं। क्रिसमस के दिन लोग कैंडल भी जलाते हैं। 

सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है महा गिरजाघर
मरियममालय सौहार्द की मिसाल पेश करता है। वहीं, महा गिरजाघर सर्व-धर्म समभाव को आगे बढ़ाता है। चर्च की दीवारों पर बाइबिल के संदेश के साथ ही श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक भी पीतल धातु से बने अक्षरों में उकेरे गए हैं। अष्ट कोणीय वास्तुकला में आर्किटेक्ट कृष्ण मेनन और ज्योति शाही ने डिजाइन तैयार किया है। महा गिरजाघर की बुनियाद अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 1820 में रखी गई थी। 1993 में पुनर्निर्माण कराया गया। इसके बाद से महागिरजाघर की खूबसूरती की चर्चा पूरे देश में होती है।
 
मेवे व फलों से तैयार हो रहा प्लम केक

सदर बाजार निवासी नम्रता स्टीफंस क्रिसमस के लिए केक तैयार करने में जुटी है। नम्रता बताती हैं कि रिच प्लम केक और रम ड्राई फ्रूट केक के बिना क्रिसमस की खुशियां अधूरी रहती हैं। यह केक सिर्फ क्रिसमस पर ही मिलता है। इसे ड्राई फ्रूट व फलों से तैयार किया जाता है।  

बच्चों के साथ तैयारियों में जुटे दादा-दादी
छावनी निवासी डॉ. विनीत जोसेफ स्टीफंस के बच्चे नव्या व विवान घर की सजावट में जुट गए हैं। प्रभु यीशु के लिए चरनी सजाने में उनके दादा सुरेश व दादी अनिता भी मदद कर रहे हैं।

विस्तार

काशी में सभी धर्मों के आराधना स्थलों का सम्मान होता है। छावनी स्थित सेंट मैरिज महागिरजाघर का मरियममालय सौहार्द की मिसाल है। इसे एक हिंदू रानी ने बनवाया था। सभी धर्मों के लोग यहां आते हैं। 

विजयानगरम की रानी भागीरथी देवी के पति को गले का कैंसर था। कई जगहों पर इलाज कराया, लेकिन ठीक नहीं हुआ। रानी उस समय छावनी स्थित बड़ा गिरजा आई और पति के लिए मन्नत मांगी। बताते हैं कि इसके बाद वह ठीक हो गए। जिसके बाद रानी ने 1929 में मरियममालय बनवाया। यहां मरियम की दो मूर्तियां हैं। मरियममालय को गुफा के रू प में तैयार किया गया है। जहां मरियम के नाम एक संदेश भी लिखा है। 

मैत्री भवन के निदेशक फिलिफ डेनिस ने बताया कि सबसे ज्यादा चढ़ावा मरियममालय में आता है। यहां सभी धर्म के लोग दर्शन करने आते हैं। क्रिसमस के दिन लोग कैंडल भी जलाते हैं। 



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