Meta ने अपने AI टूल को बनाया ओपन सोर्स, जानिए इससे क्या होगा कंपनी को फायदा

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मार्क जुकरबर्ग के मेटा (Meta) के एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) डिपार्टमेंट ने हाल में अपने ‘लामा 2’ चैटबॉट का अनावरण किया. माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) को लामा 2 पर मेटा के पसंदीदा भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है, जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से उपलब्ध होगा. लामा 2 के साथ मेटा का दृष्टिकोण OpenAI कंपनी के दृष्टिकोण से भिन्न है, जिसने एआई चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) बनाया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मेटा ने अपने उत्पाद को खुला स्रोत बना दिया है – जिसका अर्थ है कि मूल कोड स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, जिससे इस पर शोध और संशोधित किया जा सकता है. इस रणनीति ने व्यापक चर्चाओं को जन्म दिया है. क्या यह मैक्रो लैंग्वेज मॉडल (LLM) की व्यापक सार्वजनिक जांच और विनियमन को बढ़ावा देगा? ऐसी टेक्नोलॉजी जो लामा 2 और चैटजीपीटी जैसे AI चैटबॉट को रेखांकित करती है. क्या यह अनजाने में अपराधियों को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर जालसाजी को अंजाम देने या मैलवेयर डेवलप करने में मदद कर उन्हें और ताकतवर बना सकता है? क्या यह कदम मेटा को इस तेजी से आगे बढ़ने वाले क्षेत्र में ‘ओपनएआई’ और गूगल पर बढ़त हासिल करने में मदद कर सकता है?

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