Moon Mission: चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे पूर्वांचल के दो युवा वैज्ञानिक, असाधारण है दोनों की कहानी

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Moon Mission Two young scientists from Purvanchal behind success of Chandrayaan 3 landing

गाजीपुर जिले के कमलेश शर्मा और मिर्जापुर के आलोक पांडेय
– फोटो : अमर उजाला

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वर्षों से जिस पल का पूरी दुनिया को इंतजार था, वह आखिरकार आ ही गया। भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गया। इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इसके अलावा, चांद पर उतरने वाला भारत का चौथा देश है। चांद की सतह को छूने वाले चंद्रयान-3 की सफलता में पूर्वांचल के दो युवा वैज्ञानिक भी भागीदार रहे हैं।

गाजीपुर जिले के  रेवतीपुर निवासी कमलेश शर्मा और मिर्जापुर के युवा वैज्ञानिक आलोक कुमार पांडेय चंद्रयान-3 की टीम का हिस्सा हैं। मिशन की सफलता के बाद दोनों खासे उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यह गौरव के क्षण है। चंद्रयान-3 चंद्रमा की धरती पर उतारने के साथ ही सिग्नल के माध्यम से संपर्क स्थापित करने की जिम्मेदारी आलोक पर ही थी। लिहाजा दिनभर उनके घर में पूजा-पाठ होती रही।

माता-पिता समेत अन्य परिजनों ने मां विंध्यवासिनी की पूजा कर चंद्रयान की लैंडिंग के लिए आशीर्वाद मांगा था। बुधवार शाम जैसे ही चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की तो वैज्ञानिकों के घरों में जश्न शुरू हो गया। माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू निकल आए। 14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था, जिसके बाद यह पृथ्वी और चंद्रमा के चक्कर लगाता हुआ बुधवार को चांद की सतह पर लैंड कर गया। 

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