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ऑनलाइन ठगी
– फोटो : istock
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साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर एक कारोबारी से 27 लाख रुपये ठग लिए। साइबर ठगों के गिरोह ने फेसबुक पर व्हाट्स एप लिंक भेजकर कारोबारी को ऑनलाइन जोड़ लिया था। पीड़ित की तहरीर पर साइबर अपराध थाने में केस दर्ज कर पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दी है।
मझोला के मानसरोवर काॅलोनी निवासी संदीप कुमार ने पुलिस को बताया कि नौ जनवरी 2024 को उन्हें फेसबुक के जरिए एक व्हाट्सएप लिंक मिला था। ब्लैक रॉक ग्रुप ई-3 ग्रुप में जोड़ लिया था। ग्रुप एडमिन ने खुद को ब्लैक रॉक और एंजल वन का अधिकारी बताया था।
आरोपी ने कारोबारी से कहा कि ये ग्रुप शेयर मार्केट में इंस्टीट्यूशनल अकाउंट के माध्यम से इंवेस्ट कराता है। इसके बाद आरोपी ने एंजल वन कस्टमर केयर से बात करने को कहा। कस्टमर केयर के प्रतिनिधि ने लिंक के जरिए एक एंजलबुक एप उाउन लोड कराया था।
जिसके बाद कारोबारी का एकाउंट खुल गया। इसके बाद ग्रुप में प्रति दिन शेयर खरीदे व बेचे जाते थे। आरोपी ने कारोबारी से 24 जनवरी से लेकर आठ फरवरी के बीच 27 लाख रुपये लगवा दिए। इस रकम के जरिए ही शेयर खरीदे जा रहे थे।
आरोपियों द्वारा खुले गए खाते पर वैलेंस भी शो कर रहा था। एल्पेक्स सोलर का आईपीओ अलॉट किया गया था। जिसका मूल्य एक करोड़ 19 लाख रुपये था। ग्रुप एडमिन द्वारा कारोबारी पर रकम डालने के लिए दबाव बनाया गया। पीड़ित ने धनराशि डालने से इन्कार किया तो आरोपी उन्हें धमकाने लगे कि अगर रकम नहीं डाली गई तो केस दर्ज करना पड़ेगा।
19 फरवरी को पीड़ित को फिर बताया गया कि उन्हें एक करोड़ 4 लाख रुपये आईपीओ मिल गया है। जिस पर 30 प्रतिशत कमीशन का मूल्य 26 लाख रुपये की मांग की गई। इसके बाद एप एकाउंट सील कर दिया गया है। पीड़ित ने एंजल वन कस्टमर केयर में बात की तो पता चला कि कंपनी का एगल बुक एप से कोई लेना देना नहीं है।
एंगल बुक फर्जी एप है। इसके अलावा ये भी बताया कि आपके बैंक से चार मार्च को बताया गया कि 13 फरवरी को एप पर आपके खाते में चार लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। जिस कारण बैंक एकाउंट भी फ्रिज किया गया है। एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
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