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बदमाश लूट के इरादे से घर में घुसे थे, इस बात को पोस्टमार्टम रिपोर्ट एक तरह से नकार रही है। आमतौर पर लूट में हत्या उस वक्त होती है, जब घर में मौजूद कोई व्यक्ति विरोध करे। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं था। कमलेश बेहद वृद्ध थीं। ऐसे में यदि लूट करनी होती तो बदमाश मारने के बजाय उन्हें बंधक बना सकते थे। जबकि, कमलेश को एक इरादे के तहत मारा गया है।
उनके गले का घाव नीचे से ऊपर की तरफ करीब 12 सेंटीमीटर गहरा है। इससे लग रहा है कि उन्हें पीछे से पकड़कर गले को किसी धारदार हथियार से काटा गया है। कंधे पर जो घाव मिला है, वह चाकू घोंपने का है। यह करीब 11 सेंटीमीटर लंबा है।
जानकार बता रहे हैं कि गला काटने के बाद ऊपर से नीचे की ओर चाकू घोंपा गया है। ऐसे में यह बात तो सिद्ध हो रही है कि बदमाशों को वृद्धा की हत्या करने के लिए ही भेजा गया होगा। लेकिन, सवाल अपनी जगह अब भी खड़ा है कि मारने आए थे तो क्यों?
बता दें कि शनिवार को भंडारी बाग में अकेली रह रही महिला की बदमाशों ने धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी थी। शव रसोई के बाहर पड़ा मिला था। एक कमरे में अलमारी का लॉक टूटा था और सामान भी बिखरा हुआ था।
फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर फिंगर प्रिंट्स और रक्त के नमूने इकट्ठा किए। देखा कि एक कमरे का सामान बिखरा था। शुरुआती पड़ताल में माना जा रहा है कि बदमाशों ने पहले कमलेश की हत्या की और फिर लूटपाट।
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