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आज सावन का सातवां सोमवार और नागपंचमी का संयोग हैं. 24 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब सावन में सोमवार के दिन नागपंचमी है.

नागदेवता भगवान भोले नाथ के गले का श्रृंगार हैं. ऐसे में आज नागदेवता के दिन कुछ कामों का किया जाना वर्जित माना गया है.

सावन का सोमवार और नागपंचमी खास मानी जा रही है. आज कुछ कार्य करना वर्जित है. नागपंचमी पर चूल्हे पर तवा नहीं चढ़ाना चाहिए.

नागपंचमी पर उज्जैन स्थित नाग चंद्रेश्वर मंदिर के रात 12 बजे पट खोले गए. ये देश का एक मात्र ऐसा मंदिर हैं जिसके पट केवल नागपंचमी के दिन ही खोले जाते हैं.

नागपंचमी के दिन नाग पूजन का विशेष महत्व माना जाता है, इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित करके विधिपूर्वक उनका पूजन करने का विधान है.
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