कोहरे का अभी नामोनिशान नहीं है और रेलवे ने अभी से ही अपनी तमाम महत्वपूर्ण ट्रेनों को निरस्त करने की सूची जारी कर दी है। प्रयागराज संगम- चंडीगढ़ ऊंचाहार समेत 18 ट्रेनें इस सूची में शामिल की गई हैं। खास बात यह है कि इन ट्रेनों का निरस्तीकरण एक-दो सप्ताह के लिए नहीं, बल्कि तीन महीने के लिए है। ऐसे में जिन यात्रियों ने पूर्व में अपने टिकट संबंधित ट्रेनों में बुक कराए हैं, उन्हें अब मजबूरी में अपने आरक्षित टिकट निरस्त करवाने पड़ेंगे।
रेलवे यह मान कर चल रहा है कि एक दिसंबर से 28 फरवरी की अवधि में कोहरा पड़ेगा। इसी वजह से इन तीन महीने के दौरान जहां 18 ट्रेनें पूर्ण रूप से निरस्त रहेंगी, वहीं कई ट्रेनों के फेरे भी घटा दिए हैं। यानी कि जो ट्रेनें हर रोज चल रही हैं, उसमें से कुछ ट्रेनें इस अवधि में सप्ताह में तीन से चार दिन ही चलेंगी।
मालवीय नगर के कृष्ण मुरारी ने बताया कि उन्हें अगले माह सपरिवार एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए करनाल जाना था। दो माह पूर्व ही ऊंचाहार एक्सप्रेस में रिजर्वेशन करा लिया था। अब ट्रेन निरस्त हो गई है। ऐसे में अब दूसरा विकल्प तलाशना होगा। उधर, निरस्तीकरण की अवधि में सहालग के साथ ही माघ मेला भी है। ऐसे में माघ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को भी ट्रेनें निरस्त होने की वजह से परेशानी हो सकती है।
26 ट्रेनों के रेलवे ने घटा दिए फेरे एक दिसंबर से 28 फरवरी तक की अवधि के दौरान प्रयागराज जंक्शन एवं उत्तर मध्य रेलवे के तमाम रेलवे स्टेशनों से होकर गुजरने वाली 26 ट्रेनों के फेरे रेलवे ने कम कर दिए हैं। इसमें अजमेर-सियालदाह एक्सप्रेस, नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस, दिल्ली-आजमगढ़, छपरा-दुर्ग सारनाथ आदि ट्रेनें हर रोज की बजाय तीन दिन चलेंगी। इसी तरह आनंद विहार-भागलपुर सप्ताह में तीन की बजाय एक दिन, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस हर रोज की बजाय एक दिन चलेगी।
फाग सेेफ डिवाइस लगाने के बाद भी ट्रेनें निरस्त
कोहरे से निपटने के लिए हर बार लाखों रुपये खर्च कर तमाम तैयारियां की जाती हैं। अभी पिछले दिनों ही उत्तर मध्य रेलवे द्वारा बताया गया था कि कोहरे से निपटने के लिए फाग सेफ डिवाइस इंजनों में लगा दी है। उत्तर मध्य रेलवे की बात करें तो यहां से गुजरने वाली 978 ट्रेनों में फाग डिवाइस लगाई है। इसकी मदद से लोको पॉयलट को सिग्नल और ट्रैक के क्लीयरिंग के संकेत डेढ़ किलोमीटर पहले से ही मिलने लगते हैं। फिलहाल प्रयागराज मंडल में 850, झांसी में 558 एवं आगरा मंडल में 376 डिवाइस लगे हुए हैं।
यह निर्णय अव्यवहारिक है। ट्रेन निरस्त करने का फैसला रेलवे वापस ले। ज्यादा से ज्यादा कोहरे में ट्रेनें तीन-चार घंटा लेट ही हो सकती हैं। ऐसे में यात्री तो अपने गंतव्य तक पहुंच ही जाएंगे। जरूरत पड़ी तो यह मामला सदन में भी उठाया जाएगा। – केशरी देवी पटेल, सांसद एवं सदस्य रेलवे बोर्ड पार्लियामेंट्री कमेटी
अभी कोहरा नहीं है। जब कोहरा आए तो परिस्थिति के हिसाब से ट्रेन निरस्त करना चाहिए। अभी से तीन माह के लिए ट्रेनें निरस्त करने का फैसला सही नहीं है। यह निर्णय वापस लिया जाए। – पवन श्रीवास्तव, सदस्य क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति
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कोहरे का अभी नामोनिशान नहीं है और रेलवे ने अभी से ही अपनी तमाम महत्वपूर्ण ट्रेनों को निरस्त करने की सूची जारी कर दी है। प्रयागराज संगम- चंडीगढ़ ऊंचाहार समेत 18 ट्रेनें इस सूची में शामिल की गई हैं। खास बात यह है कि इन ट्रेनों का निरस्तीकरण एक-दो सप्ताह के लिए नहीं, बल्कि तीन महीने के लिए है। ऐसे में जिन यात्रियों ने पूर्व में अपने टिकट संबंधित ट्रेनों में बुक कराए हैं, उन्हें अब मजबूरी में अपने आरक्षित टिकट निरस्त करवाने पड़ेंगे।
रेलवे यह मान कर चल रहा है कि एक दिसंबर से 28 फरवरी की अवधि में कोहरा पड़ेगा। इसी वजह से इन तीन महीने के दौरान जहां 18 ट्रेनें पूर्ण रूप से निरस्त रहेंगी, वहीं कई ट्रेनों के फेरे भी घटा दिए हैं। यानी कि जो ट्रेनें हर रोज चल रही हैं, उसमें से कुछ ट्रेनें इस अवधि में सप्ताह में तीन से चार दिन ही चलेंगी।