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राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और नीतीश कुमार।
– फोटो : PTI
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक के 48 घंटा गुजरने के पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को याद दिलाई है कि बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार करना है। बैठक की तैयारियों के बीच हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चे (HAM- Secular) के इकलौते मंत्री संतोष कुमार सुमन उर्फ संतोष मांझी ने इस्तीफा दिया था तो जनता दल यूनाईटेड (JDU) ने आननफानन में अपनी पार्टी से रत्नेश सदा को मंत्रीपद की शपथ दिलाई थी। मंत्रिमंडल विस्तार में दो पद और लेने की मांग के साथ कांग्रेस इंतजार करती रह गई थी। तब यह कहा गया था कि बैठक के बाद विस्तार हो जाएगा। अब कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने मुख्यमंत्री को 15-16 जून की बात याद दिलाई है।
विधायक दल के नेता बोले- हम किसी शर्त पर राजनीति नहीं कर रहे
कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि मंत्रिमंडल में 2 सीटों की मांग स्वाभाविक है। उम्मीद है सीएम नीतीश कुमार इसे पूरा करेंगे। राहुल गांधी भी सीएम से बात कर चुके हैं। शकील अहमद खान ने स्पष्ट कहा कि हम किसी शर्त पर राजनीति नहीं कर रहे हैं। जो मांग स्वाभाविक है, उसे रखना कहीं से गलत नहीं है।
जमा खान ने कहा – कांग्रेस की मांग पर कोई मतभेद नहीं
कांग्रेस की इस मांग के बाद बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के वरीय नेता जमा खान ने कहा कि कांग्रेस की मांग पर कोई मतभेद नहीं है। महागठबंधन मिल बैठकर इन सब पर विचार कर लेगा।इस मामले में सीएम नीतीश कुमार उचित फैसला लेंगे। वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि कांग्रेस की मांग स्वाभाविक है। घटक दल की मांग हमेशा रहती है कि उनके भी पार्टी के नेता मंत्रिमंडल में शामिल हों। इस मांग पर फैसला लेना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेषाधिकार है।
भाजपा ने कहा- राहुल-नीतीश एक-दूसरे के साथ बारगेनिंग कर रहे
इधर, बिहार भाजपा ने कांग्रेस की मांग पर महागठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कहा- राहुल-नीतीश एक-दूसरे के साथ बारगेनिंग कर रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार खुद शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि विपक्षी दलों में एक अनार सौ बीमार की कहानी चल रही है।
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