Nitish Kumar : पीएम मोदी सरकार के फैसले पर सीएम नीतीश कुमार बोले- हम साथ; और क्या कहा- जानें पूरी बात

[ad_1]

women reservation : Bihar CM Nitish Kumar with PM Narendra Modi on women reservation bill in hindi news

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


भाजपा से अलग होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को लगातार एकजुट कर रहे हैं, लेकिन मंगलवार को संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद नीतीश कुमार ने इस पर अपनी ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं।

महिलाओं को नौकरी में दिया आरक्षण 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को दिए गये आरक्षण के संबंध में कहा कि हमने वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है।

महिलाओं के बारे में सोचने वाला बिहार पहला राज्य 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के अन्तर्गत नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित की गयी हैं। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है। हमलोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामकरण “जीविका” किया। बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा इसकी तर्ज पर महिलाओं के लिए आजीविका कार्यक्रम चलाया गया। बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें 1 करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बन गयी हैं।

फायदे गिनाकर आगे के लिए रखी मांग 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह तो अच्छा है ही लेकिन इसके साथ साथ हमारा यह मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिये भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिये। प्रस्तावित बिल में यह कहा गया है कि पहले जनगणना होगी तथा उसके पश्चात निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा तथा इसके बाद ही इस प्रस्तावित बिल के प्रावधान लागू होंगे। इसके लिए जनगणना का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। जनगणना तो वर्ष 2021 में ही हो जानी चाहिए थी परन्तु यह अभी तक नही हो सकी है। जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी करानी चाहिए तभी इसका सही फायदा महिलाओं को मिलेगा। यदि जातिगत जनगणना हुई होती तो पिछड़े एवं अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था को तुरंत लागू किया जा सकता था।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *