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सीएम नीतीश कुमार।
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को कांग्रेस के राज्य मुख्यालय सदाकत आश्रम नहीं पहुंचे। बुलाया नहीं गया होगा, इसकी संभावना कम है। पटना में ही थे, जा सकते थे। लेकिन, नहीं गए। यह बात इसलिए भी उठी कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव न केवल पहुंचे, बल्कि उनके जयकारे भी खूब लगे। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिन है। वह पटना में मीटिंग कर पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन सिंह के घर सहरसा के पचगछिया पहुंचे। न केवल पहुंचे, बल्कि सोशल मीडिया अपडेट कर लिखा कि उन्होंने कोसी के गांधी स्व. राम बहादुर सिंह और उनके बेटे स्वतंत्रता सेनानी स्व. पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने आनंद मोहन का जिक्र नहीं किया, लेकिन तस्वीर उनके साथ शेयर की। स्व. राम बहादुर सिंह बाहुबली आनंद मोहन के दादा थे।
सीएम नीतीश कुमार बोले- आनंद मोहन का मैं अभिनंदन करता हूं
नीतीश कुमार ने कहा कि आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने आज इस अवसर पर आने का मौका दिया। आपको मालूम है न, हमलोगों का दोस्ती कैसा था? मुझे आज खुशी हुई कि इन्होंने इस अवसर पर बुला लिया। स्व. रामबहादुर सिंह और स्व. पद्मानंद सिंह को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। आनंद मोहन जी एक बार महिषी से विधायक हुए और दो बार शिवहर लोकसभा के सांसद भी रहे। राम बहादुर बाबू तो 1919 में स्वामी सहजानंद सरस्वती के संपर्क में आए और जेल भी गए। और बापू के असहयोग आंदोलन को सफल बनाने के लिए तत्पर रहे।
राजद से आनंद मोहन की दूरी के पीछे कई कहानियां
दरअसल, संसद सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद और राजद के वरीय नेता मनोज झा ने सदन में ठाकुर का कुंआ कविता पढ़ी थी। इसके 7 दिन बाद पहले चेतन आनंद ने मनोज झा का विरोध किया फिर उनके पिता आनंद मोहन ने जीभ खींच लेने की बात कह दी। विवाद यहीं नहीं थमा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव मनोज झा के समर्थन में आ गए। लालू प्रसाद ने कहा था कि मनोज झा विद्वान आदमी हैं। सही बात को बोलते हैं। कोई राजपूतों के खिलाफ उन्होंने नहीं कहा है। जो सज्जन (आनंद मोहन सिंह) यह रीएक्शन दे रहे हैं, वह अपनी जाति में जातिवाद के लिए प्रसिद्ध आदमी हैं। राजद विधायक चेतन आनंद के विरोध पर कहा था कि उसको उतना ही बुद्धि है तो क्या कहा जाए। इसके बाद से राजद और आनंद मोहन दूरी बढ़ती गई।
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