Delhi Ordinance : अध्यादेश पर केंद्र सरकार को एकता का अहसास कराना चाहता है विपक्ष, तेज हुई लामबंदी

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Delhi Ordinance: Opposition wants to make the government feel unity on the ordinance

अरविंद केजरीवाल से मिले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

राजधानी दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में अध्यादेश के जरिये उपराज्यपाल को असली बॉस बनाने के मामले में संसद के मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार जंग दिख सकती है। दरअसल, रविवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच हुई मुलाकात में गैरराजग विपक्ष को एकजुट कर अध्यादेश को राज्यसभा में पारित नहीं होने देने की रणनीति तैयार हुई है।

राज्यसभा में भाजपा की अगुवाई वाले राजग को बहुमत हासिल नहीं है। ऐसे में उच्च सदन में भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी अपनाने की नीति पर चल रहे वाईएसआरसीपी और बीजद की भूमिका अहम हो जाएगी। गौरतलब है कि 245 सदस्यीय उच्च सदन में निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को मिला कर राजग के पास 109 सदस्य हैं। यह संख्या बल बहुमत से 14 कम है।

अध्यादेश पर ही मुख्य चर्चा…रविवार को हुई नीतीश और केजरीवाल की मुलाकात में मुख्य रूप से अध्यादेश पर ही चर्चा हुई। केजरीवाल ने कहा कि राज्यसभा में अध्यादेश को पारित नहीं होने देने के लिए वह सभी गैरभाजपा दलों के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे।

केजरीवाल ने नीतीश से भी इस संबंध में विपक्षी दलों से बातचीत करने का आग्रह किया है। इस मुद्दे पर केजरीवाल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिलने वाले हैं, जबकि नीतीश ने इसी महीने पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

बीजद-वाईएसआरसीपी के नौ-नौ सदस्य उच्च सदन में

अध्यादेश पर अगर उच्च सदन में शक्ति परीक्षण हुआ तो बीजद-वाईएसआरसीपी निर्णायक की भूमिका में होंगे। दोनों दलों के उच्च सदन में नौ-नौ सदस्य हैं। विपक्ष को अगर इन दोनों दलों का साथ मिला तो अध्यादेश को मंजूरी दिलाना संभव नहीं होगा। इसके उलट अगर इन दोनों दलों ने मतदान के दौरान वॉकआउट किया तो इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। गौरतलब है तीन तलाक, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने, सीएए जैसे कई अहम मौकों पर इन दोनों दलों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।

यह है विवाद

बीती 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया। इसके आठ दिन बाद ही केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर राजधानी में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में निर्णय के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण गठित कर दिया। अध्यादेश में कहा गया है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग मामलों का निपटारा इसी प्राधिकरण के माध्यम से होगा और अंतिम फैसला उपराज्यपाल का होगा। इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने इसके तत्काल बाद सुप्रीम कोर्ट में भी पुनर्विचार याचिका दायर की है।

गैर भाजपा सरकारों को परेशान  कर रहा है केंद्र : तेजस्वी यादव

केजरीवाल को अपनी पार्टी का समर्थन जताते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों की गैर भाजपा सरकारों को लगातार परेशान कर रही है। हम यहां केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन जताने आए हैं। भाजपा सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है।

खरगे से आज मुलाकात करेंगे नीतीश-तेजस्वी

विपक्षी एकजुटता की कोशिशों के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे।

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