Padma Awards : बिंदेश्वर पाठक, सीपी ठाकुर को पद्म विभूषण; सुरेंद्र किशोर, राम कुमार मलिक समेत चार पद्मश्री

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बिंदेश्वर पाठक (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


जन्मशती की पूर्वसंध्या पर जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने से बिहार आह्लादित था। अब गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा हुई तो बिहार को झोलीभर खुशियां मिलीं। पूरी दुनिया को सुलभ शौचालय के जरिए स्वच्छता का संदेश देने वाले बिंदेश्वर पाठक को मरणोपरांत पद्म विभूषण दिया गया। कालाजार पर रिसर्च के लिए विख्यात और भाजपा कोटे से केंद्रीय मंत्री रहे सीपी ठाकुर को भी पद्म विभूषण से नवाजा गया है। इसके अलावा प्रसिद्ध पत्रकार सुरेंद्र किशोर, दरभंगा घराना के वयोवृद्ध कलाकार पंडित राम कुमार मलिक, टिकुली कला के दिग्गज अशोक कुमार बिश्वास को पद्मश्री से नवाजा गया। इनके अलावा गोदना कला के लिए शांति पासवान-शिवन पासवान (पत्नी-पति) को भी संयुक्त रूप से पद्मश्री सम्मान दिया गया है।

बिंदेश्वर पाठक के निधन पर पीएम मोदी ने लिखी थी मन की बात

पिछले साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब पद्मश्री डॉ. बिंदेश्वर पाठक के निधन की सूचना मिली थी तो उन्होंने विशेष लेख में लिखा था- “15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के समारोह के बीच, इस खबर को आत्मसात कर पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल था कि बिंदेश्वर पाठक जी हमारे बीच नहीं रहे। सहज, सरल, विनम्र व्यक्तित्व के धनी, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर जी का जाना एक अपूरणीय क्षति है। स्वच्छता को लेकर उनमें जो जज्बा था, वो मैं तब से देखता आ रहा हूं, जब मैं गुजरात में था। जब मैं दिल्ली आया तब उनसे भिन्न-भिन्न विषयों पर संवाद और बढ़ गया था। मुझे याद है, जब मैंने साल 2014 में लाल किले से स्वच्छता के विषय पर चर्चा की थी, तो बिंदेश्वर जी कितने उत्साहित हो गए थे। वो पहले दिन से ही स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ गए थे। उनके प्रयासों ने इस अभियान को बहुत ताकत दी। हम अक्सर सुनते हैं One Life, One Mission. लेकिन One Life, One Mission क्या होता है, ये बिंदेश्वर जी के जीवन सार में नजर आता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन स्वच्छता और उससे जुड़े विषयों के लिए समर्पित कर दिया। 80 साल की आयु में भी वो अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उतने ही ऊर्जावान थे। वो एक तरह से चिर युवा थे। जिस राह पर दशकों पहले चले थे, उस राह पर अटल रहे, अडिग रहे। आजकल अगर कोई टॉयलेट जैसे विषय पर फिल्म बनाता है तो इसे लेकर चर्चा होने लगती है। लोग सोचने लगते हैं कि ये भी कोई विषय हुआ? हम अंदाजा लगा सकते हैं कि उस दौर में बिंदेश्वर जी के लिए शौचालय जैसे विषय पर काम करना कितना मुश्किल रहा होगा। उन्हें खुद कितने ही संघर्ष से गुजरना पड़ा, लोगों की बातें सुननी पड़ीं, लोगों ने उनका उपहास भी उड़ाया, लेकिन समाज सेवा की उनकी प्रतिबद्धता इतनी बड़ी थी कि उन्होंने अपना जीवन इस काम में लगा दिया।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी बधाई और शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के स्वर्गीय बिंदेश्वर पाठक को मरणोपरांत सामाजिक कार्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्म विभूषण मिलने की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने बिहार के ही डॉक्टर चंदेश्वर प्रसाद ठाकुर को मेडिसिन के क्षेत्र में पद्म भूषण, शांति देवी पासवान एवं शिवन पासवान (पति-पत्नी), अशोक कुमार विश्वास, राम कुमार मल्लिक को कला के क्षेत्र में तथा सुरेंद्र किशोर को भाषा, शिक्षा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान मिलने की घोषणा पर बधाई और शुभकामनाएं दी है।

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