Patna High Court : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर हाईकोर्ट का स्टे; जानिए क्या है मामला

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Patna High Court stays order given by Education Department regarding timing of coaching operations

पटना हाईकोर्ट की जजों पर कार्रवाई
– फोटो : Amar Ujala

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बिहार के पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के ACS के आदेश पर रोक लगा दी है। ACS ने वह आदेश कोचिंग सेंटरों के संचालन को लेकर जारी किया था। आदेश राज्य में संचालित कोचिंग सेंटरों के समय को लेकर जारी किया गया था। उसके मुताबिक सुबह नौ से शाम चार बजे तक कोचिंग संचालन पर रोक लगाई गई थी।

जानकारी के मुताबिक, पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत की याचिका पर न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकल पीठ ने सुनवाई पूरी की है। उन्होंने याचिका की सुनवाई कर कहा कि प्रदेश के कोचिंग संस्थानों पर इस तरह का फैसला लेने का अधिकार बिहार सरकार को नहीं है। पीठ ने कहा है कि इस तरह के फैसले लेने का अधिकार सिर्फ कोर्ट के पास है। इसके बाद एकल पीठ ने शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक के आदेश पर रोक लगा दी।

31 जुलाई को जारी किया गया था आदेश

जानकारी के मुताबिक, शिक्षा विभाग ने 31 जुलाई को शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसते हुए बड़ा आदेश जारी किया था। विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रभावित न हो, इसे मद्देनजर रखते हुए आईएएस केके पाठक ने आदेश जारी किया था। केके पाठक ने अपने आदेश में कहा था कि स्कूलों के संचालन के समय कोचिंग संस्थान चलाए जाने के कारण स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम हो जाती है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आईएएस केके पाठक ने सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक कोचिंग संस्थान बंद रखने का आदेश दे दिया था।

कोचिंग एसोसिएशन समेत और अन्य लोगों की ओर से पटना हाईकोर्ट में 16 सितंबर को याचिका दायर की गई थी। कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में दखल देने की मांग की थी।

शिक्षा विभाग ने जारी किए थी तीन आदेश

शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक, कोचिंग संचालकों को यह ध्यान में रखना था कि-

  1. वे विद्यालय के समय के दौरान यानी सुबह नौ से शाम चार बजे के बीच कोचिंग संस्थानों का संचालन न करें। इसके पहले और बाद में वे कोचिंग चलाने के लिए स्वतंत्र हैं।
  2. कोचिंग संचालक अपनी फैकल्टी में सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और दूसरे कर्मचारियों को काम पर न रखें।
  3. अगर कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी, बोर्ड में होता है तो इसकी जानकारी वहां के जिलाधिकारी को दें।

कोचिंग एसोसिएशन ने जाहिर किया था विरोध

केके पाठक के इस फैसले का कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत ने विरोध किया था। एसोसिएशन के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने कहा था कि बिहार में कोचिंग संस्थान बंद करने पड़ेंगे। इस फैसले से सात से आठ लाख रोजगार प्रभावित होंगे। साथ ही प्रदेश को राजस्व को भी बड़ा नुकसान होगा।

दरअसल, राजधानी पटना समेत बिहार के कई शहरों में कोचिंग संस्थानों की तादाद काफी ज्यादा है। खासकर राजधानी पटना में भारी संख्या में कोचिंग संस्थान संचालित किए जा रहे हैं। छठी क्लास से लेकर केंद्रीय प्रशासनिक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी को लेकर कई नामी-गिरामी कोचिंग संस्थान हैं, जिनका समय सुबह छह बजे से लेकर रात 10 बजे तक निर्धारित किया गया है।

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