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विरोध करते अधिवक्ता
– फोटो : अमर उजाला
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बुधवार को पटना सिविल कोर्ट परिसर स्थित ट्रांसफार्मर में लोड के कारण अचानक आग लग गई। पास में बैठे वकील इसकी चपेट आ गए, हादसे में एक वकील की मौत हो गई थी। आज अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट परिसर में ही प्रदर्शन एवं नारेबाजी शुरू कर दी गई।
अपनी पांच सूत्री मांगों में अधिवक्ताओं ने कहा कि कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं को बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। बार-बार मांग करने के बावजूद भी आज तक व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं किया गया। जिसके परिणाम स्वरुप अधिवक्ता कोर्ट परिसर के जहां-तहां बैठकर अपने रोजी-रोटी की व्यवस्था करते हैं।
जल्द कार्रवाई की मांग
अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार उनके लिए बैठने की समुचित व्यवस्था करें। इसके अलावा जुबली पार्क के जमीन को व्यवस्थित कर अधिवक्ताओं के लिए एक स्थल बनाएं, जिसमें बैठकर अधिवक्ता अपने कार्य का निष्पादन कर सके। उन्होंने पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपया मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। इसके अलावा बिजली विभाग सहित जो भी हादसा के लिए जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी हैं, उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
बाकी लोग अस्पताल में इलाजरत
बताते चले कि बुधवार को जिला न्यायालय जुबली पार्क के नजदीक अचानक बिजली का ट्रांसफार्मर ब्लास्ट कर गया था। इस हादसे में पांच वकील के झुलसने के बाद एक अधिवक्ता की मौत मौके पर हो गई थी, जबकि बाकी लोग अस्पताल में इलाजरत हैं। घटना के बाद अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में ही जमकर प्रदर्शन किया था।
कोर्ट परिसर में कार्य का बहिष्कार
घटना की सूचना मिलने के बाद पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जिलाधिकारी और वरीय अधिकारियों के साथ पहुंचकर मामले का निरीक्षण किए थे। इसी घटना को लेकर गुरुवार को अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में कार्य का बहिष्कार कर दिया है। देखना होगा अधिवक्ताओं की मांग सरकार कब तक और कितना पूरा कर पाती है।
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