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ग्राम प्रधान निलंबित
– फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर
विस्तार
पौड़ी में कल्जीखाल ब्लाॅक के ग्राम पंचायत बेड़गांव में हुए विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता उजागर होने पर ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। डीएम ने डीडीओ को मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ग्राम पंचायत बेड़गांव में 2020- 22 के बीच हुए विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता सामने आई है। ग्रामीण अशोक कुमार की शिकायत पर जुलाई 2022 में सहायक खंड विकास अधिकारी, एडीओ को-ऑपरेटिव व आरडब्ल्यूडी के जेई की एक संयुक्त जांच टीम का गठन किया गया था। जांच टीम ने पाया कि ग्राम पंचायत में छह समितियों का गठन किया गया लेकिन आज तक कोई बैठक नहीं की गई। मनरेगा से 2021-22 में सीसी कार्य करवाया गया जिसमें पांच लोगों द्वारा 1 से 16 मार्च 2021 तक मस्टरौल कार्य करना दर्शाया गया।
राज्य वित्त में 1 से 23 मार्च 2021 तक सीसी मार्ग कार्य में भी उक्त पांचों मजदूरों को ही दिखाया गया है। टीम को पंचायत में स्टॉक रजिस्ट्रर बनाया नहीं मिला। ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत को उपलब्ध कराए गए कंप्यूटर को अपने निजी आवास पर रखा है। पंचायत में पार्क निर्माण 2.35 लाख का दर्शाया गया है लेकिन कुल भुगतान किए गए व्यय में 1 लाख 88 हजार के बिल ही उपलब्ध हो पाए। एमबी भी उपलब्ध नहीं हो पाई थी। टीम ने पाया कि पंचायत में आज तक मासिक बैठकों का कोई आयोजन नहीं किया गया।
2020 में कराए गए सीसी मार्ग का विवरण भी विभिन्न स्तरों पर अपूर्ण है। 2020-21 में तीन रैलिंग निर्माण कार्य दर्शाए गए हैं। इनमें मजदूरों के भुगतान में हस्ताक्षर नहीं है। बिल फर्जी दर्शाए गए हैं। बेडगांव में विभिन्न विकास कार्यों के लिए कुल 14 लाख 38 हजार 597 रुपये का भुगतान किया गया है। इसके सापेक्ष बिल बाउचर, मस्टरौल, कैश बुक पत्रावलियों में सिर्फ 6 लाख 83 हजार 379 रुपये ही पाया गया था। डीएम डाॅ. आशीष चौहान ने बताया कि विकास कार्यों में अनियमितता उजागर होने पर ग्राम पंचायत बेड़गांव के प्रधान प्रमोद रावत की वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
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