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इस एलबम में सलीम-सुलेमान ने बेडू पाको को एक नए अंदाज में पेश किया है। चंपावत निवासी गत वर्ष के इंडियन आइडल पवनदीप राजन ने इसे फ्यूजन के अंदाज में पेश किया है। दशकों से कुमाऊं के ग्रामीण परिवेश में बेडू पाको परंपराओं को आगे बढ़ा रहा है। इसे नरेंद्र सिंह नेगी सहित तमाम लोकगायकों ने अपने सुरों में पिरोया है।
बता दें कि पवनदीप राजन चंपावत जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता सुरेश राजन कुमाऊंनी लोक गायक हैं। पवनदीप गाने के साथ कोई भी म्यूजिकल इंस्टूमेंट बजा लेते हैं। वे 2015 में टीवी शो द वॉइस ऑफ इंडिया और इसके बाद 2021 में इंडियन आइडल खिताब अपने नाम कर चुके हैं।
बता दें कि बेडू पाको बारामासा यानी पहाड़ी अंजीर सालभर पकते हैं… यह गीत स्व. बृजेन्द्र लाल शाह ने लिखा था। मोहन उप्रेती और बृजमोहन शाह ने इसे संगीतबद्ध कर दुनियाभर में पहुंचाया था।
राग दुर्गा पर आधारित इस गीत को पहली बार वर्ष 1952 में राजकीय इंटर कॉलेज, नैनीताल के मंच पर गाया गया। बाद में इसे दिल्ली में तीन मूर्ति भवन में एक अंतरराष्ट्रीय सभा के सम्मान में प्रदर्शित किया गया, जिससे इसे खूब प्रसिद्धि मिली।
उस सभा में एचएमवी की ओर से बनाई गई गीत की रिकॉर्डिंग सभी अतिथियों को दी गई थी। यह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पसंदीदा गीतों में से था।
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