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इसके बाद उन्हें रामनगर किले और दुर्गा मंदिर का भ्रमण कराया गया। यहां जर्मन गाइड ने पर्यटकों को रामनगर किले और प्राचीन दुर्गा मंदिर के वस्तु शिल्प और इसके इतिहास के बारे में बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर इस लग्जरी क्रूज को डिब्रूगढ़ की यात्रा पर रवाना करेंगे। वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यह यात्रा 52 दिनों में पूरी होगी। यह दूरी 3200 किलोमीटर की है।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को पर्यटक वाराणसी के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे। इसमें सारनाथ, सिगरा स्थित भारत माता मंदिर और बीएचयू का भारत कला भवन और विश्वनाथ मंदिर शामिल है।
गंगा विलास क्रूज की आधिकारिक जलयात्रा सितंबर से शुरू हो सकती है, फिर भी क्रूज की बुकिंग अगले दो वर्षों के लिए फुल हो गई। इसकी पुष्टि क्रूज के निदेशक राज सिंह ने भी की है। निदेशक के मुताबिक, गंगा में क्रूज के संचालन से पर्यटक उत्साहित हैं। विदेशी पर्यटक भी खूब आ रहे हैं। गंगा विलास काशी से बोगीबिल की यात्रा पूरी करेगा, फिर कोलकाता से वाराणसी की सैर पर लौटेगा।
दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा पर रवाना होने के लिए तैयार गंगा विलास क्रूज आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है। क्रूज का इंटीरियर देश की संस्कृति और धरोहर को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इंटीरियर में सफेद, गुलाबी, लाल और हल्के रंगों का इस्तेमाल किया गया है। वुडेन फ्लोरिंग और रंगों का बेहतर समन्वय पर्यटकों को सबसे अधिक पसंद आ रहा है। सितंबर से क्रूज का नियमित संचालन भी शुरू हो जाएगा।
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