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पुलिस दोनों को लेकर शनिवार देर रात ही मेरठ के खरखौदा थाना पहुंच गई थी। वहीं याकूब कुरैशी की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही उनके समर्थक खरखौदा थाने पर जमा हो गए।
हालांकि पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद गिरफ्तार याकूब और बेटे इमरान को सुबह 10 बजे कोर्ट में पेश किया। जहां याकूब पक्ष के वकील की सारी दलीलों को खारिज करते हुए अदालत ने बाप-बेटे को 60 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा में दोनों को जेल भेज दिया गया। याकूब का एक बेटा इमरान उर्फ भूरा पहले से ही जेल में बंद है। अब हाजी याकूब कुरैशी और उनके बेटों की रातें सलाखों के पीछे गुजरेंगी। आगे तस्वीरों में जानें कभी सियासत में अपने नाम का डंका बजाने वाले याकूब का अर्श से फर्श तक का सफर।
एसपी क्राइम अनित कुमार के अनुसार हाजी याकूब और बेटे इमरान की सटीक लोकेशन मिलने पर एसओजी और सर्विलांस की टीम को लेकर दिल्ली में डेरा डाल दिया। शनिवार को आधी रात को पुलिस टीम ने चांदनी नगर थाना पुलिस को साथ लेकर कोठी की घेराबंदी कर ली। जिसमें याकूब कुरैशी और उनका बेटा अपने परिचितों के साथ रह रहे थे। पुलिस टीम ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। वहीं, याकूब के रिश्तेदार मेरठ से दिल्ली के लिए रात में ही रवाना हो गए। याकूब कुरैशी बसपा सरकार के समय मंत्री रहे हैं और बेटा इमरान बसपा के टिकट से चुनाव लड़ चुका है। याकूब कुरैशी के मीट पैकेजिंग के प्लांट और बड़े स्लॉटर हाउस (कमेले) मेरठ में हैं। याकूब ने कभी डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की थी।
मेरठ-हापुड़ रोड की मीट फैक्टरी में पांच करोड़ का अवैध मीट पकड़े जाने के मामले में गिरफ्तार हुए पूर्व मंत्री हाजी याकूब का एक दौर में सियासत में खूब सिक्का चला। याकूब के पिता फईमुद्दीन कुरैशी कभी कबाड़ी बाजार के चौपले पर गुड़ का व्यापार करते थे। बाद में प्राॅपर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिया और फिर मीट के कारोबार में आए तो सियासत में उतर गए। याकूब नगर निगम पार्षद, डिप्टी मेयर और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे।
हाजी याकूब ने नगर पालिका मेरठ के कमेले का ठेका लिया तो वर्ष 1995-96 में पार्षद चुने गए और फिर डिप्टी मेयर बन गए। 2002 की बसपा सरकार में याकूब का यह सफर राज्यमंत्री के पद तक पहुंचा। याकूब 2002 में बसपा से खरखौदा सीट से विधायक चुने गए। बसपा की सरकार बनी और हाजी याकूब राज्यमंत्री बनाए गए।
मंत्री बने तो लगा ली मीट फैक्टरी, खाड़ी देशों तक निर्यात
मंत्री बनने के बाद याकूब ने खाड़ी देशों में मीट के निर्यात के लिए हापुड़ रोड़ पर अल फहीम मीटैक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से फैक्टरी लगाई। नगर निगम के कमेले पर याकूब का कब्जा था ही। वर्ष 2016 में याकूब ने सिटी अस्पताल भी खरीद लिया। वर्ष 2007 में याकूब ने यूडीएफ नाम से अपनी पार्टी बनाई और मेरठ शहर सीट विधायक भी चुने गए। जीत के बाद उन्होंने यूडीएफ का बसपा में विलय कर दिया।
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