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गांधी-जेपी की विरासत के नाम से मशहूर वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ का भवन व परिसर शनिवार को खाली करा लिया गया। बुलडोजर और भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियों ने सामान बाहर निकलवाना शुरू किया तो पदाधिकारी व लोगों ने विरोध किया। इसके बाद सचिव रामधीरज सहित आठ लोगों को हिरासत में ले लिया गया। साथ ही शांति भंग में चालान कर दिया है। सामान हटाने के दौरान पुलिस व संघ पदाधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
पदाधिकारियों ने दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए। जैसे ही सारा सामान बाहर आ जाएगा, वैसे ही बुलडोजर चल सकता है। सर्व सेवा संघ के पास राजघाट पर 8.07 एकड़ जमीन है। बड़ा भवन है। इसमें करीब 50 आवास बने हैं। चार संग्रहालय भी हैं। संघ के जमीन पर मालिकाना का हक दावा जिलाधिकारी कोर्ट ने खारिज कर दिया था, तभी रेलवे प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाने और भवन ध्वस्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया था।
सर्व सेवा संघ और उत्तर रेलवे के बीच जमीन के मालिकाना हक का विवाद चल रहा था। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट गया। हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की कोर्ट को जल्द फैसले लेने का आदेश दिया। जिलाधिकारी कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और उत्तर रेलवे के हक में फैसला दिया। संघ ने जिलाधिकारी के आदेश को पहले हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन निराशा हाथ लगी। राहत की याचिकाएं खारिज हो गईं। इसके बाद ही बुलडोजर की मदद से जमीन व भवन खाली कराने की चर्चा शुरू हो गई थी।
शनिवार सुबह ही उत्तर रेलवे के अधिकारियों, जिला प्रशासन, आरपीएफ-पुलिस फोर्स की मौजूदगी में परिसर स्थित गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा प्रकाशन समेत लगभग 50 परिवारों को हटाया गया। बुलडोजर व फायर बिग्रेड की गाड़ियों के साथ आई टीम का नई दिल्ली सहित कई शहरों से आए गांधीवादी व समाजवादियों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने सख्ती की। संदेश दिया कि दो घंटे के अंदर भवन खाली कर दें। ऐसा नहीं हुआ तो जबरन सामान हटाया जाएगा। सामान जब्त कर लिया जाएगा।
आरपीएफ की बड़ी संख्या में मौजूदगी की जानकारी मिलते ही सर्व सेवा संघ के संयोजक रामधीरज समेत 25 की संख्या में पहुंचे लोगों ने मुख्य द्वार के पास बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कार्रवाई से आक्रोशित गांधीवादी सड़क पर लेट गए। पुलिसकर्मियों से नोकझोंक शुरू हो गई। हंगामा बढ़ा तो पुलिस ने संयोजक समेत आठ लोगों को हिरासत में ले लिया। सर्व सेवा संघ भवन के मुख्य द्वार को अंदर से बंद करते हुए पुलिसकर्मियों ने एक-एक आवास खाली कराए। आवासों में रेलवे का ताला बंद किया गया।
संघ के संयोजक रामधीरज का दावा है कि भवन व संग्रहालय की स्थापनला 1960 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, विनोबा भावे ने किया था। इस विरासत को प्रशासन व रेलवे नष्ट कर रहा है। गांधी जी के विचारों को फिर से मारा जा रहा है।
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