Pitru Paksha 2022: श्राद्धकर्ताओं को भूलकर भी नहीं करना चाहिए इन सामग्रियों का दान

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पितृ पक्ष मेले के दौरान श्राद्धकर्ता के लिए गया श्राद्ध का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुछ अनिवार्य नियम हैं. वे पितरों को तृप्त करने के लिए तर्पण प्रातः काल करें. इस बेला में तर्पण का जल अमृत रूप में पितरों को प्राप्त होता है. इस दौरान गयाजी में उपवास नहीं करना चाहिए. बल्कि फलाहार लें. पिंडदान में पलाश के पत्ते सर्वोत्तम हैं. दूध चावल की खीर अथवा खोवा को उत्तम पिंड कहा गया है. अन्यथा जौ के आटे का पिंड पवित्र होता है. श्राद्ध में मिट्टी के बर्तन को नहीं ग्रहण किया जाता है. कच्छ रहित धोती अथार्त लूंगी का पूर्ण निषेध है. श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन विषम संख्या में हो, इसका ख्याल रखना भी अनिवार्य है. दान की सामग्री में नीला वस्त्र निषिद्ध है. लोहा की सामग्री दान ना करें. पिंडदान या सामग्री दान करने में पूर्ण श्रद्धा रखें. श्राद्ध में नाती को भोजन कराना महत्वपूर्ण है. कच्चा आंवला के समान गोलाकार पिंड बनाकर अर्पण करें तथा गौमाता को पिंड खिलावें.

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