[ad_1]

पितृपक्ष और श्राद्धपक्ष इस बार 28 सितंबर से शुरू हो रहा है. आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या के पंद्रह दिन पितृपक्ष कहलाता है. इन 15 दिनों में पितरों का श्राद्ध किया जाता है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है.

पितृपक्ष मेला इस बार 28 सितंबर से शुरू हो रहा है. 17 दिवसीय इस मेले का समापन 15 अक्तूबर को होगा. गयाजी में अलग-अलग तिथियों को अलग-अलग वेदी स्थलों पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का विधान है.

जानें गयाजी में तिथिवार इन वेदी स्थलों पर पिंडदान का है विधान
-
28 सितंबर (भाद्रपद चतुर्दशी)- पुनपुन पांवपूजा या गोदावरी श्राद्ध.
-
29 सितंबर (भाद्रपद पूर्णिमा)- फल्गु स्नान श्राद्ध एवं पूजा खीर का पिंड.

-
30 सितंबर (आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि)- प्रेतशिला, ब्रह्मकुंड, रामकुंड, रामशिला व कागबली.
-
01 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि)- उत्तर मानस, उदीची, कनखल, दक्षिण मानस, जिव्हालोल व गदाधर जी का पंचामृत स्नान.

-
02 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि)- बोधगया के सरस्वती स्नान व पंचरत्न दान, तर्पण, धर्मारण्य, मातंगवापी, व बौद्ध दर्शन.
-
03 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि)- ब्रह्मसरोवर श्राद्ध, काकबलि श्राद्ध, तारक ब्रह्म का दर्शन व आम्रसिंचन.

-
04 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि)- विष्णुपद स्थित 16 वेदी में रूद्र पद, ब्रह्म पद, विष्णुपद श्राद्ध व पांव पूजा.
-
05 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि)- 16 वेदी में कार्तिक पद, दक्षिणाग्निपद, गाहर्पत्यागनी पद व आहवनयाग्नि पद.

-
06 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि)- 16 वेदी में सूर्यपद, चंद्र पद, गणेश पद, संध्याग्नि पद, आवसंध्याग्नि पद व दघिची पद.
-
07 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि)- 16 वेदी में मतंग पद, क्रौंच पद, इंद्र पद अगस्त्य पद कश्यप पद, गजकर्ण पद, दूध तर्पण व अन्नदान.

-
08 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी तिथि)- राम गया श्राद्ध, सीताकुंड (बालू का पिंड) सौभाग्य दान व पांव पूजा.
-
09 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी तिथि)- गया सिर, गया कूप (त्रिपिंडी श्राद्ध), पितृ व प्रेत दोष निवारण श्राद्ध.

-
10 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि)- मुंड पृष्ठ श्राद्ध (आदि गया) धौतपद श्राद्ध व चांदी दान.
-
11 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि)- भीम गया, गौ प्रचार व गदा लोल श्राद्ध.ं

-
12 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि)- विष्णु भगवान का पंचामृत स्नान, पूजन, फल्गु में दूध तर्पण व दीपदान.
-
13 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि)- वैतरणी श्राद्ध, तर्पण व गोदान.

-
14 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि)- अक्षयवट श्राद्ध (खीर का पिंड) शैय्या दान, सुफल व पितृ विसर्जन.
-
15 अक्तूबर (आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि)- गायत्री घाट पर दही चावल का पिंड, आचार्य को दक्षिणा व पितृ विदाई.
[ad_2]
Source link