PM Kisan Samman Nidhi: किसान ने किस्त न आने पर जब कराया चेक, तो रह गया दंग, दो साल से था वह मरा हुआ

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Kisan Samman Nidhi stopped by showing alive farmer as dead

किसान ओमवीर सिंह
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आपने टीवी पर मुसद्दीलाल का ऑफिस-ऑफिस देखा होगा, उसमें एक जिंदा व्यक्ति को सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखला दिया गया। उसे अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए ऑफिस-ऑफिस कई चक्कर लगाने पड़े। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ के गोंडा के गांव मांती के किसान का आया। पीएम किसान सम्मान निधि के रिकॉर्ड में एक किसान को दो साल पहले ही मरा हुआ दिखला दिया गया। यह जानकर किसान के होश उड़ गए। अब किसान अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए विभागों के चक्कर काट रहा है।

सरकारी महकमे कब किसी को जिंदा या मुर्दा बना दें, कुछ नहीं कह सकते। कृषि विभाग ने जीवित किसान को दो साल से मृत घोषित कर उसकी किसान सम्मान निधि बंद कर दी। किसान को जब इसकी जानकारी हुई तो बृहस्पतिवार को उसने इंटरनेट से अपना किसान सम्मान निधि का ब्योरा निकलवाया। अब किसान को खुद को जीवित घोषित कराने के लिए विभागों के चक्कर काटने होंगे।

गांव मांती निवासी किसान ओमवीर सिंह पुत्र छिद्दालाल ने बताया कि गांव में उनकी खेती है। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि की घोषणा की गई तो उन्होंने भी पंजीकरण कराया। इसके आधार पर वर्ष 2019 में उन्हें तीन और वर्ष 2020 में चार किस्तें मिलीं। मई 2021 में उन्हें आठवीं किस्त मिली और इसके बाद उनके खाते में किस्त आना बंद हो गई। वर्ष 2022 में सरकार ने ई केवाईसी की अनिवार्यता की तो उन्होंने उसे भी पूरा करा दिया। बावजूद इसके उनके खाते में सम्मान निधि की किस्त नहीं आई। इस वर्ष फरवरी में अन्य किसानों के खाते में सम्मान निधि का पैसा आया, लेकिन उन्हें इस बार भी पैसा नहीं मिला। उन्होंने भागदौड़ शुरू की, लेकिन कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। 

जब वह कस्बे के जनसेवा केंद्र पर फिर से केवाईसी कराने पहुंचे तो जब पंजीकरण संख्या के माध्यम से उनका जो ब्योरा सामने आया, उससे पता चला कि उन्हें मृतक दर्शाकर उनकी किस्त रोक दी गई है। यह सुनकर ओमवीर सिंह के पांव तले जमीन खिसक गई। ओमवीर सिंह ने बताया कि उन्हें दो साल पूर्व ही मृत दर्शा दिया गया, जबकि उन्होंने साल भर पूर्व ऑनलाइन अंगूठा लगाकर केवाईसी कराई। अगर कोई व्यक्ति मृत है तो वह मशीन पर अंगूठा कैसे लगा सकता है। उनका अंगूठा सत्यापित भी हो गया, फिर भी विभाग ने उन्हें जीवित क्यों नहीं माना।

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