[ad_1]

पौंग बांध में अठखेलियां करते विदेशी परिंदे।
– फोटो : संवाद
विस्तार
पंछी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद इन्हें न रोके…यह गाना पौंग बांध में हजारों किलोमीटर का सफर तय करके आ रहे प्रवासी पक्षियों पर सही बैठ रहा है। इन दिनों साइबेरिया और अफगानिस्तान में ठंड काफी ज्यादा हो जाती है। इस कारण प्रवासी पक्षियों ने विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग बांध में आना शुरू कर दिया है। वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर ने इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध कर रखे हैं।
तीन दिनों से पौंग बांध के किनारों पर कॉमनकूट, ब्राउन हेडेड गल्स, पैलेस गल्स और ब्लैक गल्स पक्षियों की प्रजातियां आना शुरू हो गई हैं। साइबेरियन व अन्य देशों से आने वाले परिंदे यहां पर पांच से छह महीने बिताने के बाद फिर अपने वतन की ओर रवाना हो जाते हैं। पिछले वर्ष विदेशी परिंदों की 108 प्रजातियां वन्य प्राणी विभाग ने अधिसूचित की थीं। पिछली बार लांग टेल डक भी पौंग बांध में देखी गई थी।
जो पक्षी यहां पर आते हैं वे दोबारा आ रहे हैं या नहीं, इसका पूरा आंकड़ा रखा जा रहा है। इसके लिए विभाग की ओर से इन प्रवासी पक्षियों पर टैग लगाए जाते हैं। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने इसके लिए पैट्रोलिंग करना शुरू कर दी है। प्रवासी परिंदों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी स्थापित किए गए हैं। विभाग इन पक्षियों की गणना के लिए तैयारी कर चुका है।
रिंगिंग का कार्य फोटोग्राफी के जरिये किया जाता है। विभाग के अधिकारी इस बार प्रवासियों की गणना व उनकी सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरों की मदद लेंगे। इसके लिए विभाग की ओर ट्रायल किए जा रहे हैं। पौंग बांध के नीले गगन में यह प्रवासी पक्षी ऊंची-ऊंची उड़ान भरते हुए नजर आ रहे हैं। पौंग बांध में इन परिंदों को पर्याप्त मात्रा में भोजन मिलता रहता है। यहां की मछली व इसके अलावा दूसरे जीव-जंतु जो इस पानी में पाए जाते हैं, प्रवासी परिंदों का पसंदीदा भोजन रहता है।
प्रवासी पक्षियों के आने से विभाग के अधिकारी बर्ड फेस्टिवल की तैयारियों में जुट गए हैं। इसके लिए उक्त अधिकारी प्रदेश सरकार से इसके लिए तिथि फाइनल करने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं। 207 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाला पौंग बांध प्रवासी परिंदों को सर्दियों में काफी भाता है। विश्व के विभिन्न देशों से सितंबर से विदेशी परिंदे पौंग बांध जलाशय का रुख करना शुरू कर देते हैं और फरवरी के अंत तक यहां से रुखस्त होना शुरू हो जाते हैं।
वन्य प्राणी विभाग ने जनवरी 2023 के अंत में 1 लाख 17 हजार 22 विदेशी परिंदों की गणना पौंग बांध जलाशय में की थी। पिछली बार 59 प्रजातियों के विदेशी और 29 स्थानीय प्रजातियों के पक्षी पौंग बांध जलाशय में आए थे। हमीरपुर में ब्यास नदी के तट पर भी यह प्रवासी परिंदे देखे जा सकते हैं।
पौंग बांध में आ चुकी हैं ये प्रजातियां
पौंग बांध जलाशय में वन विभाग की वन्य प्राणी सेंचुरी के मुताबिक यूरेशियन कूट, नॉर्दर्न पिंटेल, कॉमन टील, कॉमन पोचर्ड, यूरेशियन विजन, लिटिल कॉर्मोरेंट, नॉर्दर्न शोवेलर और ग्रेट कॉर्मोरेंट प्रजातियां पौंग बांध में देखी जा चुकी हैं। इसके अलावा सर्दियों में स्थानीय प्रजातियां भी यहां पर आती हैं।
वन्य जीव विभाग हमीरपुर के रेंज ऑफिसर पविंद्र कुमार ने बताया कि पौंग बांध जलाशय में तीन दिनों से कॉमनकूट, ब्राउन हेडेड गल्स, पैलेस गल्स व ब्लैक गल्स प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां आना शुरू हो गई हैं। विभाग की ओर से प्रवासियों की सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर रखे हैं। विभागीय कर्मचारी व अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। इस बार इनकी गणना के लिए ड्रोन की भी मदद ली जाएगी।
[ad_2]
Source link