Poonch Attack: सैन्य मूवमेंट के इनपुट लीक तो नहीं हो रहे, बर्बरता के बाद वीडियो बना रहे आतंकी, उठ रहे सवाल

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Poonch Attack: Inputs of military movement being leaked, terrorists are making videos after the brutality

Poonch Attack
– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht

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जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकी संगठनों ने इस साल सुरक्षा बलों पर कई बड़े हमले किए हैं। तकरीबन सभी हमलों को लेकर खुफिया इनपुट भी रहा है। हालांकि उस इनपुट में एक स्पष्ट जगह का जिक्र नहीं होता, उसमें एक क्षेत्र विशेष का संकेत दिया जाता रहा है। राजौरी और पुंछ के जिन इलाकों में हमले का इनपुट रहता है, वहां रोड ओपनिंग पार्टी ‘आरओपी’ की मौजूदगी बताई जाती है। इसके बावजूद हमलों को रोका नहीं जा सका। हमले के बाद आतंकियों के पास इतना समय रहता है कि वे जवानों के साथ की गई बर्बरता का वीडियो तक बना लेते हैं। इस इलाके में हुए हमलों के दौरान, सुरक्षा बलों को दूसरी जगह से फौरी तौर पर मदद भी नहीं मिल सकी। सुरक्षा बलों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ऐसा नहीं है कि सैन्य मूवमेंट का इनपुट लीक हो रहा है। हां, ये जरूर है कि आतंकियों ने इस तरह के हमले के लिए लंबा होमवर्क यानी रेकी अवश्य की होगी। आतंकी संगठनों की हाइब्रिड विंग से जुड़े लोग, विभिन्न मार्गों के आसपास छिपे रहते हैं। वहां से उन्हें सैन्य मूवमेंट की जानकारी मिल सकती है।

दहशतगर्दों को जंगलों व गुफाओं का फायदा

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को आतंकियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था। भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हुए हैं। शहादत देने वाले दो जवानों के शवों को क्षत विक्षत करने का प्रयास किया गया। जवानों के हथियार लूटने की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद की जम्मू-कश्मीर में सक्रिय प्रॉक्सी विंग, ‘पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ (पीएएफएफ) ने ली है। सुरक्षा बलों के अधिकारी के मुताबिक, देखिये इनपुट हो या न हो, फोर्स को तो सर्च आपरेशन करना ही है। आतंकियों को खोजने के लिए सुरक्षा बल रोजाना ही कोई न कोई मूवमेंट करते हैं। जम्मू कश्मीर में विदेशी और स्थानीय, सब मिलाकर लगभग 110 आतंकी मौजूद हैं, उन्हें जल्द से जल्द खत्म करने का प्रयास हो रहा है। ये बात हो सकती है कि पुंछ या राजौरी में घने जंगलों व गुफाओं का फायदा दहशतगर्दों को मिलता है। आतंकियों के सहयोगी, सैन्य मूवमेंट पर लगातार नजर रखते हैं। कई बार सुरक्षा बलों को गलत इनपुट में ट्रैप करने का प्रयास होता है, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिलती।

सुरक्षा बलों को अपने ट्रैप में फंसा रहे आतंकी

पीएएफएफ ने जम्मू कश्मीर में ‘जी-20’ की बैठक से कुछ दिन पहले भारतीय सेना के वाहन पर हमला किया था। उसमें पांच जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद राजौरी के कंडी जंगलों में बनी गुफाओं में छिपे आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में भी सेना के पांच जवानों ने शहादत दी थी। इन हमलों में पहले आईईडी ब्लास्ट और फिर घात लगाकर जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। पीएएफएफ के प्रवक्ता तनवीर अहमद राथर ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी। पीएएफएफ ने इन हमलों का एक वीडियो भी जारी किया था। उसमें कहा गया कि वे, सुरक्षा बलों को अपने ट्रैप में फंसा रहे हैं। वे जैसा चाहते हैं, सुरक्षा बलों को वैसा ही करने के लिए मजबूर कर देते हैं।






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