Pratapgarh : आठ घंटे की मशक्कत के बाद नहर में जाल लगाकर डॉल्फिन रोका , निगरानी में तीन थानों की फोर्स तैनात

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सगरा रजबहा में शुक्रवार को सैर करती दिखी विशालकाय मछली आखिरकार डॉल्फिन ही निकली। शनिवार को दूसरे दिन दस किमी के दायरे में नहर के पानी में लोगों के बीच यह डॉल्फिन कौतूहल बनी रही। दो बार जाल में पकड़ने के बाद भी उसे पानी में छोड़ा गया। अब संसाधनों के साथ लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम देर शाम इटौरी पहुंची। नहर के दो छोर पर जाल लगाकर उसे रोकने के प्रयास किए गए हैं ताकी वह आगे न जाए।

रात में उसकी निगरानी के लिए तीन थानें की पुलिस को लगाया गया है। डॉल्फिन के पीछे दौड़ भाग करने वाले ग्रामीणों को डंडा पटककर पुलिस दिन भर भगाती रही। शारदा सहायक खंड से नरई रजबहा होते हुए सगरा नहर में आई डॉल्फिन मछली क्षेत्र में कौतूहल का विषय बनी है। लालगंज कोतवाली के जगन्नाथपुर गांव के समीप सगरा नहर में डॉल्फिन को शुक्रवार की देर शाम ग्रामीणों ने सबसे पहले देखा। जब तक वन विभाग की टीम वहां पहुंचती तब तक डॉल्फिन लापता हो गई थी।

शनिवार को डॉल्फिन लीलापुर इलाके के गहरी गांव के समीप नहर में ग्रामीणों को फिर दिखी। जिसे ग्रामीणों ने जाल लगाकर पकड़ लिया, लेकिन प्रशासन के कार्रवाई के भय से ग्रामीणों ने दोबारा डॉल्फिन को नहर में छोड़ दिया। सूचना मिलने पर पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। यहां पहुंची वन विभाग की टीम लीलापुर व लालगंज पुलिस के साथ नहर के पानी में तैर रही डॉल्फिन के पीछे-पीछे हांफती रही।

डॉल्फिन लगभग दस किलोमीटर के क्षेत्र में नहर में इधर से उधर तैरती रही। इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण डॉल्फिन के पीछे भागते दिखाई दिए। ग्रामीण डॉल्फिन की एक झलक देखने और उसका वीडियो मोबाइल में कैद करने को धक्कामुक्की करते रहे। मछली के पीछे भाग रहे ग्रामीणों को पुलिस डंडा लेकर दौड़ाती रही। घंटों हलाकान होने के बाद वन विभाग की टीम ने डॉल्फिन को जाल डालकर पकड़ लिया। डॉल्फिन को गंगा नदी तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे सो उसकी जान को खतरा भांप कर उसे फिर से नहर में छोड़ दिया गया।

इस बीच डीएफओ जेपी श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। देर शाम विशेषज्ञों की टीम इटौरी पहुंच गई। तब तक अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू अभियान रविवार की सुबह चलाए जाने की तैयारी की गई है। वन विभाग की टीम ने इटौरी व हर्षपुर कोटवा में नहर के बीच जाल लगा रखा है। डॉल्फिन नहर से निकल न सके और सुरक्षित रहे। डीएफओ ने बताया कि निगरानी के लिए वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मत्स्य विभाग की टीम के साथ पुलिस मौजूद रहै। रविवार भोर में ही विशेषज्ञ रेस्क्यू अभियान चलाएंगे।

ग्रामीणों ने पकड़ा फिर जेल जाने के डर से छोड़ा

लीलापुर इलाके के गहरी गांव के समीप ग्रामीणों ने डॉल्फिन को जाल डाल कर पकड़ लिया। डॉल्फिन को पकड़े जाने की सूचना पर नहर के मुहाने ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने डॉल्फिन पकड़ने वाले लोगों को बताया कि यह मछली विलुप्त प्राय प्राणियों में आती है और सरकार की ओर से इसे बचाने के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं । अगर डॉल्फिन की मौत होती है, तो सब को जेल जाना पड़ेगा। यह सुनते ही मछली पकड़ने वाले लोगों ने दोबारा उसे नहर के पानी में छोड़ दिया।

डॉल्फिन को मार डालने में जेल जा चुके हैं ग्रामीणजिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के कोथरिया गांव में जनवरी 2021 में डॉल्फिन दिखी थी। जिसे ग्रामीणों ने पकड़ लिया था और उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में रायबरेली के ऊंचाहार जनपद व नवाबगंज थाना क्षेत्र के लोगों को पुलिस ने वायरल वीडियो से चिन्हित करते हुए जेल भेजा था।

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