Rajouri Terror Attack: राजोरी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील, माहौल बिगाड़ने की साजिश के तहत की गई टारगेट किलिंग

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ढांगरी में आईईडी विस्फोट के बाद तलाशी अभियान चलाते सुरक्षाबल

ढांगरी में आईईडी विस्फोट के बाद तलाशी अभियान चलाते सुरक्षाबल
– फोटो : PTI

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राजोरी में हिंदुओं की हत्या पर सेना और पुलिस के सेवानिवृत्त लोगों का मानना है कि एक सोची समझी साजिश के तहत यह किया गया है। कश्मीर में आतंकियों पर शिकंजा कसने के बाद राजोरी को टारगेट किया जा रहा है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि राजोरी सांप्रदायिक रूप से बहुत ही संवेदनशील है।

चार साल पहले किश्तवाड़ में हुई थी टारगेट किलिंग

ठीक उसी तरह से जैसे किश्तवाड़ जिला है। करीब 4 साल पहले आतंकियों ने किश्तवाड़ में टारगेट किलिंग की थी। तब भाजपा नेताओं और हिंदुओं को टारगेट करके किलिंग की गई थी ताकि सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जाए। ठीक इसी तरह अब राजोरी में किया गया है। 

हिंदू अल्पसंख्यकों को टारगेट करके हत्या की गई

पूर्व डीजीपी एसपी वैद का कहना है कि राजोरी में हाल के हमले बताते हैं कि हिंदू अल्पसंख्यकों को टारगेट करके हत्या की गई है। सांप्रदायिक रूप से राजोरी, किश्तवाड़ बहुत ही संवेदनशील इलाके हैं। स्थिति बिगाड़ने के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा ऐसा किया गया है।

घाटी में आतंकियों पर शिकंजा कसा गया

कश्मीर घाटी में आतंकियों पर शिकंजा कसा गया है। आतंकी इससे बौखलाएं हुए हैं। वह वहां पर सुरक्षाबलों का दबाव कम करने के लिए लगातार इस तरह की वारदातें कर रहे हैं। लिहाजा इस पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

खुफिया तंत्र और मजबूत करना पड़ेगा

सुरक्षा एजेंसियों को अपना खुफिया तंत्र और मजबूत करना पड़ेगा, ताकि इन क्षेत्रों में टारगेट किलिंग रोकी जा सके। वैद का कहना है कि राजोरी में एलओसी पास है। जंगल के इलाके हैं। 1990 में यहां आतंकवाद भी पीक पर था। आतंकियों की ओर से इन इलाकों में घुसपैठ करने के बाद हमले करना कश्मीर की तरह ही है। 

बड़े ऑपरेशन चलाने की आवश्यकता

वहीं, रिटायर कर्नल वीके साही का कहना है कि पीर पंजाल के जंगलों में सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़े आपरेशन चलाने की आवश्यकता है। कश्मीर में आतंकवाद पर कड़ा प्रहार हो रहा है, लेकिन इन इलाकों में छुपे आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की जरूरत है। 

 

जिस पर सभी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। रक्षा विशेष अनिल गुप्ता का कहना है कि सांप्रदायिक माहौल खराब करने के उद्देश्य से राजोरी को टारगेट किया जा रहा है।

विस्तार

राजोरी में हिंदुओं की हत्या पर सेना और पुलिस के सेवानिवृत्त लोगों का मानना है कि एक सोची समझी साजिश के तहत यह किया गया है। कश्मीर में आतंकियों पर शिकंजा कसने के बाद राजोरी को टारगेट किया जा रहा है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि राजोरी सांप्रदायिक रूप से बहुत ही संवेदनशील है।

चार साल पहले किश्तवाड़ में हुई थी टारगेट किलिंग

ठीक उसी तरह से जैसे किश्तवाड़ जिला है। करीब 4 साल पहले आतंकियों ने किश्तवाड़ में टारगेट किलिंग की थी। तब भाजपा नेताओं और हिंदुओं को टारगेट करके किलिंग की गई थी ताकि सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जाए। ठीक इसी तरह अब राजोरी में किया गया है। 

हिंदू अल्पसंख्यकों को टारगेट करके हत्या की गई

पूर्व डीजीपी एसपी वैद का कहना है कि राजोरी में हाल के हमले बताते हैं कि हिंदू अल्पसंख्यकों को टारगेट करके हत्या की गई है। सांप्रदायिक रूप से राजोरी, किश्तवाड़ बहुत ही संवेदनशील इलाके हैं। स्थिति बिगाड़ने के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा ऐसा किया गया है।

घाटी में आतंकियों पर शिकंजा कसा गया

कश्मीर घाटी में आतंकियों पर शिकंजा कसा गया है। आतंकी इससे बौखलाएं हुए हैं। वह वहां पर सुरक्षाबलों का दबाव कम करने के लिए लगातार इस तरह की वारदातें कर रहे हैं। लिहाजा इस पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

खुफिया तंत्र और मजबूत करना पड़ेगा

सुरक्षा एजेंसियों को अपना खुफिया तंत्र और मजबूत करना पड़ेगा, ताकि इन क्षेत्रों में टारगेट किलिंग रोकी जा सके। वैद का कहना है कि राजोरी में एलओसी पास है। जंगल के इलाके हैं। 1990 में यहां आतंकवाद भी पीक पर था। आतंकियों की ओर से इन इलाकों में घुसपैठ करने के बाद हमले करना कश्मीर की तरह ही है। 

बड़े ऑपरेशन चलाने की आवश्यकता

वहीं, रिटायर कर्नल वीके साही का कहना है कि पीर पंजाल के जंगलों में सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़े आपरेशन चलाने की आवश्यकता है। कश्मीर में आतंकवाद पर कड़ा प्रहार हो रहा है, लेकिन इन इलाकों में छुपे आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की जरूरत है। 

 

जिस पर सभी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। रक्षा विशेष अनिल गुप्ता का कहना है कि सांप्रदायिक माहौल खराब करने के उद्देश्य से राजोरी को टारगेट किया जा रहा है।



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