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भक्तों द्वारा जमा किया राम नाम काफी सहेज कर रखा जाता है
– फोटो : अमर उजाला
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कलियुग केवल नाम अधारा…। भव सागर से बेड़ा पार लगाने का यह सूत्र राम चरित मानस में संत तुलसी दास ने दिया है। दुनिया भर में हजारों लोग प्रभु नाम के सहारे जीवन की नैया पार लगाने में जुटे हुए हैं। गुरुवार सुबह इसका खुलासा राम जन्म के मौके पर वाराणसी के त्रिपुरा भैरवी स्थित राम रमापति बैंक में हुआ। एक तरफ प्रभु श्रीराम के बालरूप की झांकी सजाई गई तो दूसरी ओर अरबों की राम नाम की पूंजी की परिक्रमा शुरू हुई। रामजन्म की बधाई बजी और लोगों ने खजाने की परिक्रमा कर ग्रहों, कष्टों से छुटकारे के लिए प्रार्थना की।
बाबा विश्वनाथ की नगरी में यह अनूठा बैंक है, जो पैसे से नहीं बल्कि राम नाम से चलता है। इस बैंक से कर्ज के रूप में पैसे नहीं, बल्कि राम नाम का लोन मिलता है। इस बैंक की कार्य प्रणाली और बैंकों की ही तरह है। अंतर है तो बस यह कि यहां पैसे की जगह जमा होता है राम का नाम। धर्म और अध्यात्म में आस्था रखने वाले इस बैंक के ग्राहक पुण्य कमाते हैं। इस अनोखे बैंक का नाम है राम रमापति बैंक।
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राम नाम की कमाई करीब 20 अरब
इसने इस रामनवमी को अपने 96 साल पूरे कर लिए। काशी विश्वनाथ गली के त्रिपुरा भैरवी स्थित राम रमापति बैंक का 96 वां वार्षिकोत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है। राम रमापति नामक इस बैंक में प्रभु के नाम की गाढ़ी कमाई करीब 20 अरब पहुंच गई है। बड़ी बात यह है कि सऊदी अरब और दुबई से भी लोगों ने इस बैंक में राम नाम जमा करने के लिए खाते खोले हैं।
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