Ranikhet: बकरियों को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गया चरवाहा, बीच में आए कुत्तों ने ऐसे बचाई जान

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तेंदुआ

तेंदुआ
– फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

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उत्तराखंड के रानीखेत में भेड़ बकरियों को चराने कालीगाढ़ जंगल पहुंचे एक चरवाहे ने साहस दिखाया तो तेंदुआ भी भाग खड़ा हुआ। दरअसल, पडेरगांव चमोली निवासी यशपाल सिंह नेगी शनिवार रात अपने साथी डबल सिंह व दल्ली के साथ 400 भेड़ों और बकरियों को लेकर द्वारसों के कालीगाढ़ जंगल पहुंचे थे। 

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हर साल की तरह उन्होंने रात में वहां डेरा डाला। सभी लोग खाना खाकर सोए ही थे कि अचानक तेंदुए ने बकरियों के झुंड पर हमला कर दिया और एक बकरी को उठा ले गया। 

जानकारी के अनुसार, यशपाल बकरी को छुड़ाने गए तो तेंदुए ने उन पर भी हमला कर दिया। बचाव में तेंदुए ने यशपाल के हाथ में पांच दांत गढ़ा दिए। इस दौरान हल्ला करने पर कुत्ते वहां आ गए और तेंदुए को भगा दिया। सूचना पर द्वारसों चौकी में रहने वाले वनकर्मी राजेन्द्र प्रसाद घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने निजी वाहन से यशपाल को नागरिक चिकित्सालय में भर्ती कराया।

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उत्तराखंड के रानीखेत में भेड़ बकरियों को चराने कालीगाढ़ जंगल पहुंचे एक चरवाहे ने साहस दिखाया तो तेंदुआ भी भाग खड़ा हुआ। दरअसल, पडेरगांव चमोली निवासी यशपाल सिंह नेगी शनिवार रात अपने साथी डबल सिंह व दल्ली के साथ 400 भेड़ों और बकरियों को लेकर द्वारसों के कालीगाढ़ जंगल पहुंचे थे। 

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हर साल की तरह उन्होंने रात में वहां डेरा डाला। सभी लोग खाना खाकर सोए ही थे कि अचानक तेंदुए ने बकरियों के झुंड पर हमला कर दिया और एक बकरी को उठा ले गया। 

जानकारी के अनुसार, यशपाल बकरी को छुड़ाने गए तो तेंदुए ने उन पर भी हमला कर दिया। बचाव में तेंदुए ने यशपाल के हाथ में पांच दांत गढ़ा दिए। इस दौरान हल्ला करने पर कुत्ते वहां आ गए और तेंदुए को भगा दिया। सूचना पर द्वारसों चौकी में रहने वाले वनकर्मी राजेन्द्र प्रसाद घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने निजी वाहन से यशपाल को नागरिक चिकित्सालय में भर्ती कराया।



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