Rashtriya Lok Dal: RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी बोले- भाजपा के लिए हमारे दरवाजे बंद, जातिगत जनगणना को बताया सही

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Rashtriya Lok Dal: राष्ट्रीय लोकदल के वार्षिक अधिवेशन में हिस्सा लेते हुए जयंत चौधरी

Rashtriya Lok Dal: राष्ट्रीय लोकदल के वार्षिक अधिवेशन में हिस्सा लेते हुए जयंत चौधरी
– फोटो : Amar Ujala

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राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के साथ उनके गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। वे समाजवादी पार्टी के साथ बने हुए हैं और आगे भी बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके दरवाजे भाजपा के लिए हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं और दोनों दलों के साथ आने की कोई संभावना नहीं है। वे राष्ट्रीय लोकदल और गठबंधन को मजबूत बनाने का काम करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्तमान केंद्र-यूपी सरकार किसानों के हितों के लिए असंवेदनशील है और अब तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय लोकदल के वार्षिक अधिवेशन में जयंत चौधरी को अध्यक्ष के तौर पर एक और कार्यकाल मिल गया है। इस अवसर पर अमर उजाला से बात करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा और उनके बीच गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने उनसे गठबंधन बनाने की कोई औपचारिक कोशिश नहीं की। केवल अमित शाह ने एक जनसभा के दौरान हमसे गठबंधन बनाने की कोशिश करने की बात कही थी, लेकिन उनसे औपचारिक तौर पर कोई संपर्क नहीं किया गया।

चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजित सिंह की राजनीतिक विरासत संभाल रहे जयंत चौधरी ने कहा कि उनका गठबंधन राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा सहित कुछ और राज्यों में भी चुनाव लड़ने की योजना बना चुका है। वे गठबंधन के साथ इन राज्यों के चुनावी युद्ध भूमि में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाले युवा नेता चंद्रशेखर आज़ाद के साथ उनका सहयोग जारी रहेगा। चुनाव के समय सीटों पर तालमेल बिठा कर वे सब साथ में लड़ाई लड़ेंगे।

योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 33.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया गया है। जाहिर है कि अगले चुनाव में वे विकास को एक बड़े दावे के रूप में पेश करेंगे, जबकि आपके गठबंधन के नेता अखिलेश यादव जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या आपको लगता है कि भाजपा के विकास के दावे का मुकाबला आप जातिगत जनगणना के सहारे कर सकेंगे?

अमर उजाला के इस प्रश्न पर अपनी राय व्यक्त करते हुए जाट नेता जयंत चौधरी ने कहा कि इस तरह की घोषणाएं पहले भी की जाती रही हैं। जब तक ये जमीन पर नहीं उतरतीं तब तक इस तरह की घोषणाओं को बहुत भरोसे के साथ नहीं देखा जा सकता। इसके पहले की गई घोषणाएं केवल जुमला बनकर रह गईं। दूसरी बात, वर्तमान समय में समाज के विभिन्न वर्गों की संख्या की जमीनी सच्चाई सरकार को भी पता होनी चाहिए। सही आंकड़े होने के बाद ही उनके लिए विकास की योजनाएं बनाई और लागू की जा सकेंगी।

किसानों पर एक प्रश्न के जवाब में चौधरी ने कहा कि वर्तमान सरकार दूसरों से लड़ने की बजाय किसानों से लड़ती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में  किसानों के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है। बार-बार के आश्वासन के बाद भी अभी तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है। हर वर्ष किसानों की लागत बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार उन्हें कोई राहत देने का प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा है कि किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई किसान नेताओं को भी आरएलडी के राष्ट्रीय अधिवेशन में आमंत्रित किया गया था। इन नेताओं ने आने वाले चुनावों में किसानों के मुद्दे पर साथ आकर चुनावी लड़ाई लड़ने की बात कही।

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