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इसके अलावा भी इस स्मार्ट हेलमेट में कई विशेषताएं हैं। नगर के आदर्शनगर निवासी वंश सैनी और तेजस चौहान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की में बीबीए के छात्र हैं।
अगर रास्ते में चलते हुए बाइक या स्कूटी से हेलमेट गिर जाता है तो वाहन थोड़ी दूर आगे जाकर रुक जाएगा। हेलमेट में तीन संपर्क फोन नंबर अटैच करने की सुविधा भी है। एक नंबर एंबुलेंस, जबकि दो नंबर वाहन चालक किसी भी परिचित का दे सकता है।
हादसा होने के बाद अटैच नंबरों पर चालक की लोकेशन चली जाएगी। ऐसे में ये हेलमेट वाहन चालक को संपूर्ण सुरक्षा देगा। वंश सैनी ने बताया, शुरू से ही उन्हें इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में काम करने का शौक रहा है। घर में भी इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है।
वहीं से इस काम का शौक लगा। बताया, एक दिन बाजार में जाते समय पुलिस बिना हेलमेट वालों के चालान करते दिखी। बिना हेलमेट वाले दो युवक पुलिस से माफी मांग रहे थे। इसके बाद मन में विचार आया कि ऐसा हेलमेट बनाया जाए जिसे युवक घर से बाहर निकलते हुए चाहकर भी न भूल सके।
बताया, हर दिन तीन से चार घंटे का समय देने के बाद उन्होंने इस हेलमेट को दो सप्ताह में तैयार कर दिया था। एक हेलमेट की लागत करीब 2500 रुपये की आई है। बताया, वह चाहते हैं कि यह तकनीक बाइक में सेट होकर आए। इसके लिए वह प्रयास कर रहे हैं।
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