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शुक्रवार की सुबह सात बजे से ही एनएच-87 पर डीडी चौक से इंदिरा चौक तक भारी पुलिस बल तैनात हो गया। प्रशासन ने हाईवे से 22 मीटर की जद में आने वालीं दुकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए सबसे पहले राम मनोहर लोहिया मार्केट स्थित डीडी चौक से जनरल स्टोर, खाने के ढाबों को ध्वस्त किया। फिर बाइक रिपेयरिंग, कपड़ों की दुकान से लेकर मोबाइल की दुकानों तक जेसीबी चली। मुख्य बाजार के चौराहे के पास एसएसपी मंजूनाथ टीसी की मौजूदगी में एनएचएआई की टीम ने नापजोख की।
गोल मार्केट के चौराहे पर अतिक्रमण ध्वस्त करने के दौरान मौके पर पहुंचे कुछ लोगों ने चार दुकानों को फ्रीहोल्ड कराने की बात कहकर एसडीएम प्रत्यूष सिंह से नोकझोंक की। कुछ देर अतिक्रमण रुकने के बाद दुकानों के कागजों के साथ ही ऑनलाइन जांच की गई लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने चारों दुकानों पर जेसीबी चला दी। कुछ लोगों ने दुकानें न तोड़ने की एसडीएम से गुहार लगाई, लेकिन अतिक्रमणकारियों की कोई गुहार काम नहीं आई।
अपनी दुकानों को निहारते रहे व्यापारी
कार्रवाई की आशंका से व्यापारियों ने बृहस्पतिवार रात ही दुकानों से सामान समेट लिया था। सुबह टिनशेड की दुकानें टूटने पर दोपहर बाद व्यापारियों ने अपना बचा-खुचा सामान इकट्ठा किया। व्यापारी आसपास खड़े होकर अपनी टूटीं दुकानों को एकटक देखते रहे। एक महिला अपनी दुकान को टूटते देख सुबकने लगी तो महिला पुलिसकर्मियों ने उनको जीरो जोन से बाहर कर दिया। प्रशासन की कार्रवाई पूरी होने के बाद सड़क से ही गांधी पार्क का नजारा साफ दिखाई देने लगा।
नगर निगम व बीएसएनएल परिसर का भी कुछ हिस्सा टूटेगा
एनएचएआई की परियोजना प्रबंधक मीनू ने बताया कि हाईवे किनारे एनएच की जद में आ रहे नगर निगम और बीएसएनएल परिसर का भी कुछ हिस्सा टूटेगा। बताया कि वर्ष 2018 में लोनिवि से एनएच को हाईवे का अधिग्रहण मिलने पर हाईवे किनारे की भूमि केंद्र सरकार की हो गई है। इसके बाद कई बार अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गई। कई बार दुकानदारों को दुकानें खाली करने के नोटिस दिए गए लेकिन व्यापारी अपनी जिद पर अड़े रहे। बताया कि डिवाइडर से हाईवे को 10-10 मीटर चौड़ा किया जाएगा।
130 दुकानें टूटने से 1000 लोग हुए बेरोजगार
राम मनोहर लोहिया मार्केट के साथ ही मछली बाजार तक दुकानें टूटने से व्यापारियों की रोजी-रोटी के साथ ही करीब एक हजार लोगों का रोजगार छिन गया। ये लोग हाईवे किनारे बने ढाबों, रेस्टोरेंट, कपड़ों की दुकानों, वाहन रिपेयरिंग की दुकानों और मोबाइल की दुकानों पर काम करते थे।
मुख्य बाजार में दोपहर 12 बजे तक बंद रहीं दुकानें
हाईवे किनारे अतिक्रमण हटाने के दौरान शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक मुख्य बाजार की दुकानें बंद रहीं। जीरो जोन होने से बाजार को बैरिकेडिंग से बंद कर दिया गया है। ऐसे में मुख्य बाजार की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे के बाद दुकानें खोलनी शुरू कीं। इसके बाद बाजार में ग्राहकों की थोड़ी चहल पहल शुरू हुई।
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