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युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह।
– फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष सितंबर-अक्तूबर में ग्रामीण ओलंपियाड होगा। मंगलवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में खेल संघों के साथ बैठक करने के बाद प्रेस वार्ता में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खंड से लेकर राज्य स्तर के 40 हजार खिलाड़ी ओलंपियाड़ के तहत विभिन्न खेल खेलेंगे। खेलों की सूची तैयार करने के लिए जल्द बैठक की जाएगी। प्रदेश में युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रोफेशनल तरीके से ग्रामीण ओलंपियाड आयोजित करवाने का फैसला लिया है। इसमें खेल संघों की सक्रिय भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। ग्रामीण ओलंपियाड की रुपरेखा जल्द तैयार की जाएगी।
वहीं उन्होंने जल्द ही प्रदेश के लिए नई खेल नीति बनाने की बात भी कही। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खेल के क्षेत्र में सुविधाएं जुटाने के लिए प्रदेश के बड़े औद्योगिक घरानों को एक-एक खेल का जिम्मा सौंपने का विचार है। कॉरपोरेट सोशल रिसपांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत उद्योगपतियों की सहभागिता को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए खेल विभाग ने अपनों के नाम से एक खेल योजना शुरू करने का फैसला लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां खेल सुविधाओं की कमी है, वहां युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष शख्सियतों के नाम पर मैदान, स्टेडियम बनाए जाएंगे।
विशेष रिलीफ फंड और खेल कैलेंडर भी होगा तैयार
युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खेल विभाग के तहत स्पोटर्स रिलीफ फंड गठित किया जाएगा, जिसमें कोई भी सहयोग कर सकेगा। इस फंड से पैसों की कमी के कारण आगे न बढ़ पाने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय मदद दी जाएगी। प्रदेश में खेल अवार्ड देने के लिए पारदर्शिता अपनाई जाएगी। खेलों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाएगा। लाइमलाइट में रहने वाले खेलों को ए कैटेगरी में रखेंगे। बेहतर प्रदर्शन देने वाले खिलाड़ियों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। जल्द ही खेल कैलेंडर बनाया जाएगा, जिसमें सभी खेल संघों को जोड़ा जाएगा।
एडवेंचर स्पोटर्स की निगरानी को बनाएंगे समिति
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर स्पोटर्स, वाटर स्पोर्टस, पैराग्लाइडिंग की अभी कोई भी मानीटरिंग नहीं है। इसके लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा जाएगा। अभी कोई भी घटना होने पर उपायुक्त कार्रवाई करते हुए खेल गतिविधियों को ही बंद कर देते हैं। यह कोई हल नहीं है। सभी संबंधित विभागों से चर्चा कर इस बाबत नीति बनाई जाएगी।
खेल संघों का नहीं होने देंगे राजनीतिकरण
मंत्री ने कहा कि खेल संघों का राजनीतिकरण नहीं होने देंगे। हिमाचल सहित कई राज्यों में खेल संघों का दुरुपयोग होता रहा है। हमारा दायित्व बनता है कि जो भी पदाधिकारी खेल संघ में आए, उनके चुनाव हों और तय समय के लिए कार्यकारिणी बने। खेल से जुड़े लोगों को ही संघों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इसका पूरा खाका तैयार किया जाएगा। वीरभद्र सरकार के समय बनाए गए स्पोटर्स बिल को दोबारा लाने पर विचार किया जाएगा। इस बारे में कानूनी राय ली जाएगी।
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