Sawan Special: 16वीं शताब्दी का ये शिवमंदिर है अद्भुत, यहां नागा साधु एक महीने तक करते हैं साधना

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Sawan Special: This Shiv temple of 16th century is amazing, here Naga sadhus do meditation for a month

Sawan Special: 16वीं शताब्दी का ये शिवमंदिर है अद्भुत, यहां नागा साधु एक महीने तक करते हैं साधना
– फोटो : अमर उजाला

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जिले में शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केन्द्र बाबा बड़े शिव मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। मंदिर परिसर का सुरम्य वातावरण हर किसी को आकर्षित करता है। शायद यहीं कारण है कि यह मंदिर परिसर निर्माण काल से ही साधकों की साधना स्थली रही है। यहां मोरंग के राजा के साथ ही मौनी स्वामी ने यहां सालों तक साधना की है। वहीं आज भी जनवरी-फरवरी माह के दौरान नागा साधु एक महीने तक यहां रूक कर भोलेनाथ की साधना करते हैं। मान्यता है कि भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले बाबा बड़े शिव के दर्शन से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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मंदिर के मुख्य पुजारी मिठाई लाल गिरी बाबा बताते हैं कि मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 16वीं शताब्दी में हुआ था। तब मंदिर के चारों ओर घनघोर जंगल हुआ करता था। जिसमें पलाश के वृक्षों की बहुतायत थी। ऐसा बताया जाता है कि एक बार अयोध्या के राजा शिकार करने जंगल में आये थे। वे भूख प्यास से व्याकुल थे, तो एक साधु ने उनको दर्शन दिया और उनकी क्षुधा शांत करने के बाद अंतर्ध्यान हो गए। मान्यता है कि जहां साधु ने उन्हें दर्शन दिया था। उसी स्थान पर राजा ने एक शिवलिंग की स्थापना की। कालांतर में शिवलिंग जमीन के अंदर चला गया। एक दिन नगर के एक धार्मिक व्यक्ति के घर सर्प आया। सर्प को देख आसपास के लोग उसे मारने को दौड़ पड़े, लेकिन उस व्यक्ति ने उन्हें रोकते हुए जिस ओर नाग देवता चले। अनायास ही उसी ओर चल पड़े। जंगल में पहुंचने के बाद सर्प एक जगह पर अपना फन पटकने लगा। जहां खुदाई की गई तो भोलेनाथ के शिवलिंग का दर्शन हुआ। उसके बाद से ही यह लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र हो गया।

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